रखाइन। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को इन दिनों कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि रोहिंग्या मुसलमान समुदाय, म्यांमार से विभिन्न देशों की ओर पलायन कर रहा है। इसी तरह लगभग 6 लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश पहुंचे। यहां इनके लिए, सीमा क्षेत्र में कैंप का आयोजन किया गया। हालांकि कैंप में रोहिंग्या मुसलमानों के क्षमता से अधिक पहुंचने के कारण लगभग 3 हजार एकड़ जमीन का क्षेत्रफल तक कम पड़ गया है। हालात ये हैं कि, बांग्लादेश के काॅक्स बाजार क्षेत्र के जिन दो शरणार्थी शिविरों में 25 अगस्त से पहले लगभग 34 हजार रोहिंग्या मुसलमान निवास कर रहे थे, मगर इनकी तादाद अब लगभग 4 लाख 36 हजार हो गई है। इन लोगों के लिए भूमि की उपलब्धता तक कम हो गई है। इनके लिए, अधिगृहित जमीन का क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर सरकार चर्चारत है। यहां रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को ठीक से भोजन नहीं मिल पा रहा है हालात ये हैं कि, यहां निवास करने वाले नवजात बच्चे व महिलाऐं भूख से कमजोर हो गए हैं। हालांकि यूनिसेफ इन लोगों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता और टीकाकरण अभियान चला रहा है। ऐसे में लगभग 1.5 लाख बच्चों को टीके लगाए जाऐंगे। यहां रहने वाली महिलाओं में प्रसूताओं की स्थिति का पता लगाया गया है। ऐसे में जानकारी सामने आई है कि, यहां लगभग 18523 महिलाऐं प्रसूता हैं। रखाइन से पलायन करने वालों ने यहां आने की वजह सेना की कार्रवाई और रखाइन के बौद्धों का उनके गांवों पर आक्रमण बताया है, इनका कहना है कि आक्रमणों के डर से वे गांव छोड़ने पर मजबूर हुए। म्यांमार में रखाइन के मेजर जनरल हटाए गए रोहिंग्या संकट पर म्यांमार को चेतावनी देंगे रेक्स टिलरसन अजमेर दरगाह इलाके में छिपा था रोहिंग्या मुसलमान रोहिंग्या के बच्चों में बढ़ रहा कुपोषण