म्यांमार। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति हिंसा का दौर बढ़ता ही जा रहा है। हालात ये हैं कि रखाइन प्रांत में ये मुसलमान अभावों में जीते हैं मगर इसके बाद भी इन्हें बांग्लादेश की ओर भागना पड़ रहा है अब बात सामने आई है कि रोहिंग्या विद्रोही बच्चों का प्रयोग कर लोगों के घरों में आग लगाते हैं। विद्रोहियों पर नोबेल पुरस्कार विजेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के कार्यालय की ओर से तरह तरह के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों को लेकर सोशल मीडिया वेबसाईट फेसबुक पर पोस्ट कर दिया गया है। इस मामले में कहा गया है कि ये लोग सुरक्षाबलों का सामना करने के लिए बच्चों को आगे कर रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। साथ ही यह बात भी कही गई कि जो आतंक का साथ नहीं दे रहे हैं या आतंकियों से कोई संबंध नहीं है उन्हें परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह बात भी सामने आई थी कि प्रदेश के 30 पुलिस नाकों व सैन्य स्थल वाले क्षेत्र पर उन्होंने हमला कर दिया था। अपने उपर लगाए गए आरोपों को इन विद्रोहियों ने नकार दिया है। माइक्रो ब्लाॅगिंग वेबसाईट ट्विटर पर विद्रोही संगठन अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी ने ट्विट कर बयान जारी किया जिसमें लिखा गया कि रखाइन में हिंसा भड़कने के बाद बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश की ओर पलायन कर रहे हैं। मगर बांग्लादेश से इन लोगों को फिर म्यांमार की ओर खदेड़ा जा रहा है। सीएम योगी म्यांमार पहुंचे, भारतीय मूल की महिलाओं ने बाँधी राखी CM योगी की पहली विदेश यात्रा, 5-7 अगस्त तक म्यांमार का दौरा