रोहतक : टिटौली गांव में ईद के मौके पर गोवंश की हत्या से खफा होकर पंचायत ने अब ये घोषणा की है कि मुस्लिम धर्म के लोग सार्वजनिक स्थल पर नमाज नहीं पढ़ेंगे. इतना ही नहीं वो लोग टोपी भी नहीं पहनेंगे और अपने बच्चों के नाम पहले की तरह ही अरबी या फ़ारसी में नहीं बल्कि हिंदी में ही रखेंगे. इसके साथ ही पंचायत ने ईद के मौके पर गोवंश की हत्या करने वाले को गांव में प्रवेश करने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है. 7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारी आज करेंगे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, सरकार भी हुई सख्‍त इस पंचायत में करीब 500 लोग शामिल थे और इसमें मुस्लिम धर्म के लोग भी मौजूद थे. आपको बता दें 22 अगस्त को सरकारी स्कूल में एक बछड़ी की हत्या हो गई थी. बछड़ी की हत्या करने वाले आरोपी का नाम यामीन था जो पेशे से धोबी था. इस मामले को लेकर मंगलवार शाम करीब पौने चार बजे पंचायत बैठे गई थी. पंचायत में एक कमेटी भी बनाई गई थी. असम NRC : आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगी 40 लाख लोगों का भविष्य कमेटी ने आपसी चर्चा का बाद पंचायत के सामने अपना फैसला रखा जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया. मुस्लिम धर्म के लोगों ने भी पंचायत द्वारा किए गए सभी फैसले पर अपनी सहमति प्रकट की है. इतना ही नहीं मुस्लिम समाज के जयवीर ने तो गोशाला के नाम पर 11 हजार रूपए का दान भी किया. आपकी जानकारी के लिए बता दें जयवीर उस पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जिनके नाम तो हिन्दुओं की तरह होते थे लेकिन वो मुस्लिम रहते हैं. पंचायत में कुछ फैसले लिए गए है जो निम्नलिखित हैं- -गांव में सार्वजनिक स्थल पर न तो कोई नमाज पढ़ेगा और न कोई बाहर से नमाज पढ़ाने आएगा - मुस्लिम समाज में बच्चे का नामकरण पहले की तरह हिंदी शब्दों में किए जाएंगे - गांव के युवक बड़ी दाढ़ी नहीं रख सकेंगे -कब्रिस्तान की जमीन को धान की कटाई के बाद पंचायत में शामिल किया जाएगा. बाद में पंचायत कब्रिस्तान के लिए अलग से जमीन देगी. ख़बरें और भी... 7 साल की मासूम बनी हैवानियत का शिकार, दरिंदे ने प्राइवेट पार्ट में डाला पाइप हिंदू राष्ट्र का मतलब यह नहीं कि यहां मुस्लिम नहीं रह सकते : मोहन भागवत भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला : आज SC तय करेगी की मानवाधिकारियों को सजा मिलेगी या रिहाई