रोनाल्डो और पुर्तगाल की निगाहें मोरक्को को गेम से बाहर करने पर

मोरक्को के लिये FIFA वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचना एक उपलब्धि से कम नहीं है लेकिन अब पुर्तगाल और इसके सुपरस्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के सामने होना भी उनके लिये अविश्वसनीय ही साबित हुआ है। रोनाल्डो एक बार फिर एक अलग ही तरीके से चर्चाओं में आ चुके है। शनिवार को होने वाले इस मुकाबले में हालांकि मोरक्को का ऐतिहासिक सफर समाप्त कर अंतिम चार में पहुंचना अहम एजेंडा होने वाला है। लेकिन वह शुरूआती एकादश में होंगे या नहीं? यह बड़ा प्रश्न बन चुका है, मंगलवार को स्विट्जरलैंड पर राउंड 16 में उन्हें शुरूआत नहीं करायी गयी थी. इसमें पुर्तगाल की 6-1 की जीत के उपरांत यह निर्णय करने वाले कोच फर्नांडो सांटोस से बार बार यही प्रश्न पूछा जा रहा है। 

पांच बार के ‘वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर' रोनाल्डो को बेंच पर बिठाने के उपरांत उनकी जगह मैदान पर उतारे गये 21 वर्षीय गोंकालो रामोस द्वारा गोल की हैट्रिक के उपरांत मोरक्को के विरुद्ध चयन वास्तव में दुविधापूर्ण बन गया है। जिससे मैच से 90 मिनट पहले पुर्तगाल की शुरूआती एकादश का सभी को बेसर्बी से प्रतीक्षा होगा क्योंकि रोनाल्डो अपने चमचमाते करियर में इस बार वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल खेलने के लिये बेसब्र होने वाले है। पुर्तगाल की टीम तीसरी बार ही इस चरण तक पहुंची है। मोरक्को फुटबॉल के महासमर में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाला चौथा अफ्रीकी देश बन चुका है। कैमरून ने 1990 में, सेनेगल ने 2002 और घाना ने 2010 में यह उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इन तीनों में से कोई भी टीम हालांकि सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाई थी। मोरक्को की टीम कतर में अंतिम आठ में पहुंचने वाली यूरोप या दक्षिण अमेरिका से बाहर की पहली टीम है। 

कतर में और देश में उसके प्रशंसकों ने अंतिम 16 में स्पेन पर पेनल्टी शूटआउट में मिली जीत का जश्न सेलिब्रेट जिसने उस ग्रुप से यहां तक का सफर किया जिसमें बेल्जियम और 2018 की उप विजेता क्रोएशया जैसी टीमें आई हुई थी। फ्रांस में जन्मे वालिद रेग्रागुई उनके कोच हैं और उनके 26 में से 14 खिलाड़ियों का जन्म विदेश में हुआ था। टीम ने केवल एक गोल गंवाया है और वो भी कनाडा के विरुद्ध आत्मघाती गोल। हालांकि उसके अच्छे खिलाड़ियों को पुर्तगाल के धुरंधरों के सामने फिटनेस के केस जूझना पड़ सकता है क्योंकि मिडफील्डर सोफयान अमराबत ने कहा कि वह पीठ की चोट के बावजूद दर्द निवारक इंजेक्शन लेकर स्पेन के खिलाफ मैच में खेलने उतरे थे।

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