हर धर्म का अपना एक धार्मिक कैलेंडर होता है जिसके अनुसार उस धर्म के लोग की अपनी दिनचर्या का अनुपान करते हैं. इन कैलेंडर के मुताबिक ही लोग अपने धार्मिक उत्सव और पर्वों को मानते हैं. ऐसा ही इस्लामिक कैलेंडर होता है जिसका अनुपान सभी मुसलमान करते हैं. इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीने रमजान है जिसे अरबी भाषा में रमादान कहते हैं. यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना है. इसे सब्र यानी संयम को मजबूत करने और बुरी आदतों को छोड़ने का जरिया भी माना जाता है. मुसलमान महीने भर प्रभात से लेकर सूरज छिपने तक बिना खाए पिये रहते हैं. रोजेदार सवेरे बहुत जल्दी उठ जाते हैं और प्रभात से पहले ही खा लेते हैं जिसे सहरी कहते हैं. और शाम को वे इफ्तार के साथ अपना रोजा खोलते हैं. दुनिया के कई मुल्कों में अलग-अलग टाइम जोन होने के कारण इनमें रोजे रखने का चलन भी अलग अलग होता है. दुनिया के हर मुल्क में रमज़ान के मौके पर रोजे रखने की अपनी एक परंपरा है. ऑस्ट्रेलिया: 12 घंटे चीन: 15 घंटे भारत: 15 घंटे पाकिस्तान: 15 घंटे जर्मनी: 17 घंटे ब्रिटेन: 17 घंटे आइसलैंड: 21 घंटे नाइजीरिया: 14 घंटे ब्राजील: 12 घंटे अमेरिका: 16 घंटे अनोखे अंदाज़ में शिल्पा शिंदे ने अपने फैंस को दी रमज़ान की मुबारक़बाद इस माहे रमज़ान हो सकते हैं पांच जुमा (शुक्रवार) Ramadan 2018 : सबसे लम्बी समय सीमा का रहेगा रमज़ान का आखिरी रोज़ा