नई दिल्ली : गत अक्टूबर में किए गए वादे को निभाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की खस्ता वित्तीय हालत को ठीक करने के उद्देश्य से बुधवार को इन बैंकों को चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि देने की घोषणा करके बड़ी राहत दे दी है.इसमें 80,000 करोड़ रुपये पुनर्पूजीकरण बांड के जरिए और 8,139 करोड़ रुपये बजटीय सहायता के रूप में है . बता दें कि बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पुनर्पूंजीकरण योजना के तहत विभिन्न अन्य बैंकों समेत आईडीबीआई को 10,610 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक को 8,800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,375 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 4,865 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक को 4,524 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं.विरासत में मिली समस्या के समाधान के तहत सरकार की इस कोशिश का उद्देश्य पीएसबी की सेहत को बेहतर बनाना है ,ताकि दुबारा भूल न हो .इसके लिए पहले ही संसद में अनुपूरक अनुदान पारित किया जा चुका है. इस बारे में बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा कि पुनर्पूंजीकरण योजना से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कारोबार की साख क्षमता में पांच लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी.वहीं आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि पुनर्पूजीकरण योजना नकदी निरपेक्ष होगी और इस प्रकार जारी बांड गैर-वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) व खरीद-बिक्री नहीं करने योग्य होंगे.पुनर्पूंजीकरण की योजना के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई के बिंदुओं के साथ छह विषय भी इस सुधारपरक पैकेज में शामिल होंगे. यह भी देखें लोकलुभावन नहीं होगा बजट संतुलित बजट की चुनौती और राजस्व संग्रह की चिंता