नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के संबंध में सही जानकारी का अभाव होने का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि देश की आज़ादी के बाद से ही उन्हें बदनाम करने का अभियान चला है और अब अगला टारगेट स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद हो सकते हैं. मोहन भागवत ने उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की किताब 'वीर सावरकर हु कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन' का विमोचन करते हुए यह बातें कही हैं. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. RSS प्रमुख ने वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि, सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का ट्रेंड हो गया, हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और अंत तक वो ही रहेगा. सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना आवश्यक समझा. संघ प्रमुख ने कहा कि, इतने सालों बाद भी अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की जरुरत तब थी, सब बोलते तो शायद बंटवारा नहीं होता. संघ प्रमुख भागवत ने आगे कहा कि, 'भारत में आज के दौर में सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है. यह एक समस्या है. सावरकर को बदनाम करने का अभियान चलाया गया. यह स्वतंत्रता के बाद जमकर चला. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सावरकर सामने थे. भारत को जोड़ने से जिनकी दुकान बंद हो जाएंगी, उन्हें यह पसंद नहीं आता था. आज घटे या बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए आज का भाव केरल सरकार ने कहा- "बीपीसीएल निजीकरण पेट्रोकेमिकल पार्क को..." NHRC का 28वां स्थापना दिवस आज, पीएम मोदी बोले- भारत ने विश्व को दिखाया अहिंसा का मार्ग