नागपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू धर्म की समावेशी प्रकृति और भारत में चल रहे हमास-इजरायल युद्ध जैसे धार्मिक संघर्षों की अनुपस्थिति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म, भारत के धर्म और संस्कृति के रूप में, सभी संप्रदायों और आस्थाओं का सम्मान करता है, और यही वजह है कि, भारत ने कभी भी धार्मिक आधार पर युद्ध नहीं देखा है। भागवत ने कहा कि, "इस देश में, एक धर्म और संस्कृति है जो सभी संप्रदायों और आस्थाओं का सम्मान करती है। वह धर्म हिंदू धर्म है। बाकी हर जगह, युद्ध चल रहा है। आपने यूक्रेन-रूस, हमास-इजरायल में युद्ध के बारे में सुना होगा। हमारे देश में ऐसे मुद्दों पर कभी युद्ध नहीं हुए, हमारी कभी ऐसी लड़ाई नहीं हुई, हम ऐसे मुद्दों पर किसी से नहीं लड़ते।" उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू-केंद्रित देश होने का मतलब अन्य धर्मों को अस्वीकार करना नहीं है। भागवत ने कहा कि हिंदुओं में इस्लाम सहित सभी धर्मों की रक्षा करने की परंपरा है। उन्होंने यूक्रेन और इजराइल-हमास के संघर्ष की तुलना शिवाजी महाराज के समय में हुए ऐतिहासिक आक्रमणों से की। हालाँकि, भारत कभी भी धार्मिक मामलों पर युद्ध में शामिल नहीं हुआ है। बता दें कि, चल रहा हमास-इज़राइल युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ, जिससे क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए। इज़राइल ने हमास के आतंकी हमले का जवाब दिया, जिसके परिणामस्वरूप 1,400 से अधिक लोग मारे गए और 3,000 घायल हुए। संघर्ष में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है और स्थिति जटिल बनी हुई है। 'हम हर काम में पैसे बचाते हैं..', सराय काले खान फ्लाईओवर का उद्घाटन कर बोले सीएम केजरीवाल तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने हाई कोर्ट का आदेश भी नहीं माना ! अब मिला अवमानना का नोटिस, क्या होगी कार्रवाई ? INDIA गठबंधन के नेताओं को तृणमूल नेता रिपुन बोरा ने चेताया, बोले- हमारा अंतिम लक्ष्य केवल भाजपा को हराना है, इसलिए..