रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत फिलहाल झारखंड की राजधानी रांची के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. वह यहां मंगलवार को पहुंचे हैं. इस दौरान भागवत ने संगठन पदाधिकारियों के साथ नए स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया. रांची महानगर के प्रचारकों से भागवत ने कहा कि वे संघ की शाखाओं का विस्तार करें. जिससे संगठन और सशक्त हो सके. मोहन भागवत ने महत्वाकांक्षा खातिर संघ के करीब आने वाले लोगों को भी संदेश दिया कि ऐसे लोग संघ में नहीं टिक सकते. जो समर्पित भाव से संघ, समाज और देश के लिए कार्य करते हैं, वे ही लोग यहां टिक पाते हैं. मोहन भागवत ने कहा कि बैठक के दौरान संघ के स्वयंसेवकों को एक प्रचारक की जिंदगी की समस्या से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि प्रचारक बनने के लिए काफी कुछ त्याग करना पड़ता है. तप करना पड़ता है. समर्पित होकर राष्ट्र के लिए कार्य करना पड़ता है. मोहन भागवत सबसे अधिक नए स्वयंसेवकों को लेकर बोलते दिखाई दिए. दरअसल, संघ पहली बार पूर्णकालिक स्वयंसेवक बनने वालों को विस्तारक का दायित्व सौंपता है. सूत्र बताते हैं कि केंद्र और अधिकतर राज्यों में भाजपा के सत्ता में होने की वजह से संघ को यह चिंता रहती है कि कहीं संघ के नए स्वयंसेवक अपनी मूल जिम्मेदारियों से भटककर सियासी न हो जाएं. इसलिए संघ प्रमुख मोहन भागत ने बैठक में उच्च पदाधिकारियों से कहा कि वे दायित्व देने से पहले अच्छे से जांच कर लें कि उस स्वयंसेवक की पृष्ठिभूमि क्या है. तीन तलाक़ पर बोले गुलाम नबी आज़ाद, कहा- सरकार ने धोखे से पास कराया बिल, हमे पता ही नहीं था... भाजपा नेता सुनील देवधर ने NTR को बताया 'बाहुबली', चंद्र बाबू नायडू को कहा 'कटप्पा' सीएम केजरीवाल का फरमान, दुर्घटना पीड़ित का इलाज करने से मना नहीं कर सकते अस्पताल