नई दिल्ली: दशहरे और स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने समस्त देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्हें दशहरे की शुभकामनाएं दी हैं. इसके साथ ही चीन की हाल की गतिविधियों को लेकर भी बयान दिया है. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि कोरोना महामारी के संदर्भ में चीन की भूमिका संदेहास्पद रही, यह तो कहा ही जा सकता है. लेकिन अपने आर्थिक सामरिक बल की वजह से मदांध होकर उसने भारत की सीमाओं पर जिस प्रकार से अतिक्रमण की कोशिश की वह सम्पूर्ण विश्व के सामने जाहिर है. भागवत ने आगे कहा कि भारत का शासन, प्रशासन, सेना और जनता सभी ने इस आक्रमण के समक्ष अड़ कर, खड़े होकर अपने स्वाभिमान, दृढ़ निश्चय व वीरता का शानदार परिचय दिया. इससे चीन को अनपेक्षित धक्का लगा है. इस परिस्थिति में हमें सजग होकर दृढ़ रहना पड़ेगा. मोहन भागवत ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि हम शांत हैं इसका यह अर्थ नहीं है कि हम कमज़ोर हैं. अब चीन को भी इस बात का एहसास तो हो ही गया होगा. किन्तु ऐसा नहीं है कि हम इसके बाद लापरवाह हो जाएंगे. ऐसे खतरों पर हमें नज़र रखनी होगी. वहीं सेना के पराक्रम पर भागवत ने कहा कि हमारी फ़ौज की अटूट देशभक्ति व अदम्य वीरता, हमारे शासनकर्ताओं का स्वाभिमानी रवैया और हम सब भारत की दुर्दम्य नीति-धैर्य का परिचय चीन को पहली बार मिला है. हम सभी से दोस्ती चाहते हैं, यह हमारा स्वभाव है. लेकिन हमारी सद्भावना को कमज़ोरी मानकर अपने बल के प्रदर्शन से कोई भारत को चाहे जैसा नचा ले, झुका ले, यह हो नहीं सकता है. इतना तो अब समझ में आ जाना ही चाहिए. आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार की क्या रहेगी स्थिति? उत्तर-पूर्व एक व्यापार और पर्यटन स्थल के रूप में होगा उदय: जितेंद्र सिंह फ्रैंकलिन टेंपलटन ऋण एमएफ को है इकाई धारक सहमति की जरूरत