भोपाल: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में 26 सीटें मिलने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए माहौल थोड़ा बदला-बदला है। राज्य में उसकी सरकार जा चुकी है और वर्तमान सांसदों के प्रति भी जगह-जगह आक्रोश सामने आ रहा है। दिल्ली पहुंचे चंद्रबाबू नायडू, महात्मा गाँधी को किया नमन, अब शुरू करेंगे अनशन भाजपा को मध्यप्रदेश से फिर अधिक से अधिक सीटें जिताने के लिए संघ ने अपनी कोशिशें शुरू कर दी हैं। संघ ने हाल ही में एक सर्वे रिपोर्ट भाजपा को भेजी है। इसमें मप्र के 26 में से लगभग 16 सांसदों के टिकट काटने का आग्रह किया गया है। संघ ने कहा है कि इन सांसदों के खिलाफ जनता के बीच आक्रोश बहुत अधिक है, यदि इन्हें फिर से टिकट दिया गया तो पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रियंका का लखनऊ में पहला रोड शो, स्वागत की तैयारी में जुटी कांग्रेस संघ ने कहा है कि एक दर्जन सांसद गत पांच वर्षों में अपने क्षेत्र में काफी कम सक्रिय रहे हैं। क्षेत्र में जनता से उनका जुड़ाव नहीं है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब संघ जनप्रतिनिधियों के किसी के टिकट काटने की सिफारिश की हो। 2018 के विधानसभा चुनावों में भी संघ ने आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने की सिफारिश की थी, हालांकि भाजपा ने इसे नहीं माना था और उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। खबरें और भी:- वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद करेगा सऊदी अरब, 10 अरब यूएस डॉलर करेगा निवेश जहरीली शराब कांड: मायावती ने उठाई CBI जाँच कराने की मांग, भाजपा सरकार पर किया हमला सांप-नेवले की तरह है सपा-बसपा की जोड़ी, लेकिन अपना भ्रष्टाचार छिपाने के लिए हो गए एक