कोच्चि: भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जाति जनगणना की बहस पर अपना विचार व्यक्त किया है। सोमवार को आरएसएस ने माना कि जाति जनगणना कल्याणकारी गतिविधियों के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन चुनावी लाभ के लिए इसके इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी। यह बयान राहुल गांधी के नेतृत्व में देशव्यापी जाति जनगणना की वकालत करने वाले जोरदार अभियान के बीच आया है। केरल के पलक्कड़ में तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद बोलते हुए आरएसएस के प्रचार प्रमुख (मुख्य प्रवक्ता) सुनील आंबेकर ने कहा, "जाति जनगणना एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, और यह हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण है। इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कभी-कभी, सरकार को संख्याओं की आवश्यकता होती है और अतीत में भी इसी तरह की कवायद की गई है।" हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी जनगणना का उपयोग केवल संबंधित समुदायों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए और राजनीतिक लाभ के लिए इसका शोषण नहीं किया जाना चाहिए। आरएसएस की टिप्पणियों की कांग्रेस पार्टी ने आलोचना की है, जिसने भाजपा और आरएसएस पर हाशिए के समुदायों के कल्याण का विरोध करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने ट्वीट किया, "आरएसएस ने जाति जनगणना का खुलकर विरोध किया है। आरएसएस का कहना है- जाति जनगणना समाज के लिए अच्छी नहीं है। इस बयान से साफ है कि भाजपा और आरएसएस जाति जनगणना नहीं कराना चाहते। वे दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों को उनके अधिकार नहीं देना चाहते।" कांग्रेस ने जाति आधारित सर्वेक्षण कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। जनगणना के प्रबल समर्थक राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो वह इसे कराएंगे। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में भी यह वादा शामिल था, जिसमें जनगणना को संविधान की सुरक्षा से जोड़ा गया था। बिहार में नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा राज्यव्यापी जाति सर्वेक्षण जारी किए जाने के बाद राष्ट्रीय जाति जनगणना की मांग तेज़ हो गई है। पिछले अक्टूबर में प्रकाशित इस सर्वेक्षण से पता चला है कि राज्य की 80 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी अत्यंत पिछड़े वर्गों से आती है। इस बहस के बीच आरएसएस ने स्पष्ट किया है कि वह सरकार द्वारा देश भर में जाति जनगणना कराने के खिलाफ नहीं है। आंबेकर ने कहा, "हमारा मानना है कि इसका इस्तेमाल समाज की समग्र प्रगति के लिए किया जाना चाहिए और ऐसा करते समय सभी पक्षों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सामाजिक सद्भाव और अखंडता में कोई बाधा न आए।" यह स्पष्टीकरण आरएसएस के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे द्वारा जाति जनगणना की आलोचना करने के बाद आया है, जिन्होंने जाति जनगणना को एक "व्यर्थ अभ्यास" बताया है, जिससे केवल कुछ खास लोगों को ही लाभ होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विवाद को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने कभी भी जाति जनगणना का विरोध नहीं किया है। 'स्वाति मालीवाल को मामूली चोट ..', मारपीट मामले में SC से बिभव कुमार को जमानत दिल्ली सरकार ने 114 ई-रिक्शा को किया नष्ट, आखिर क्या है कारण 'CPIM नेता खुद शामिल..', हेमा समिति की रिपोर्ट को लेकर केरल सरकार पर भड़के नड्डा