एक आरटीआई के मिले 1170 जवाब

भोपाल: आरटीआई को लेकर पूछा गया सवाल परेशानी का सबब बन गया है. मध्य प्रदेश के नीमच जिले के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने आरटीआई दाखिल कर देश भर के कुल टैक्स बकायेदारों के बारे जानकारी मांग ली . बस इसके बाद क्या था उनके घर जवाबों की बहार आ गई और अब तक जवाब में कुल 1170 पत्र मिल चुके है, सिलसिला जारी है. मगर अभी तक चंद्रशेखर को अपने सवाल का सही और पूर्ण जवाब नहीं मिला है. चंद्रशेखर ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) में आरटीआई दायर कर इसी साल 25 फरवरी को देश भर के कुल टैक्स बकायेदारों की सूचना मांगी थी. उन्होंने अपने क्वेरी में विशेष तौर पर लिखा, 'यह ऑनलाइन रिक्वेस्ट है, इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि मेरे सवाल का जवाब आप मेरी ईमेल ऐड्रेस पर दीजिए और डिजिटल कम्युनिकेशन को समर्थन दीजिए।' 

विभाग ने सीबीडीटी ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में यह याचिका पंहुचा दी और उन्होंने भी अपने वार्ड लेवल के कार्यालयों में सवाल भेज दिया जिसके बाद सभी व्यक्तिगत रूप से चंद्रशेखर को जवाब देने लगे. चंद्रशेखर ने बताया कि उन्हें एक दिन में करीब 50 लेटर मिलते हैं. सबसे ज्यादा एक दिन में 90 जवाबों का रेकॉर्ड है. वह कहते हैं, 'जिस दिन मुझे 20 लेटर मिलते हैं उस दिन पोस्टमैन खुश होकर कहता है, आज कम है सर.' चंद्रशेखर ने आगे कहा, 'इतने सारे लेटर के लिए साइन करना बहुत थकावट वाला काम होता है. आप कल्पना कीजिए मैं ऐसा रोज करता हूं. इतने सारे बंडल में लेटर को रोज आता देख हमारे पड़ोसी भी हैरान हो जाते हैं.' 

 चंद्रशेखर बताते हैं, 'लेकिन अभी तक मुझे मेरा जवाब नहीं मिला.' चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी विभाग ने उन्हें पत्र भेजने के लिए 50 हजार से ज्यादा रुपये खर्च किए होंगे. यह जनता के पैसे की बर्बादी है. उन्होंने कहा,'जब मैंने ऑनलाइन सवाल करके जवाब मांगा तो इतने सारे लेटर भेजने का कोई तुक नहीं बनता. मैंने एक साथ पूरा डेटा मांगा था न कि वार्ड और सर्कल लेवल का डाटा.' उन्होंने कहा कि उन्हें देश भर से पत्र भेजे जा रहे हैं.

 

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