नई दिल्ली: केंद्र सरकार कल यानी सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक को विचार और पारित करने के लिए राज्यसभा में पेश कर सकती है। इससे पहले 3 अगस्त को, लोकसभा ने विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बीच दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर अध्यादेश को बदलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया था। यह विधेयक केंद्र सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों और सेवा की अन्य शर्तों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि, "दिल्ली सेवा विधेयक सोमवार को राज्यसभा में आएगा। विधेयक पर चर्चा के समापन के बाद उसी दिन शाम को विधेयक को पारित करने के लिए मतदान होगा।" सोमवार को विपक्ष की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी बहस की शुरुआत कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और BJD ने पहले दिल्ली सेवा अध्यादेश पर संसद में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। राज्यसभा में NDA के पास 106 (5 नामांकित सांसदों को छोड़कर और NCP-अजित पवार के प्रफुल्ल पटेल सहित) सदस्य हैं, जबकि 26-पार्टी नवगठित गठबंधन, भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) को 98 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। जबकि गुटनिरपेक्ष दलों के पास 29 सदस्य हैं। केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में नौकरशाहों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के संबंध में एक अध्यादेश पेश किया, जिसने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को प्रभावी ढंग से पलट दिया, जिसने दिल्ली में निर्वाचित सरकार को सेवाओं से संबंधित मामलों पर नियंत्रण सौंप दिया था। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंप दिया था। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले दिल्ली सरकार में सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे। बंगाल में कांग्रेस नेताओं को धमकाने का आरोप ! TMC से लड़ाई में अकेले पड़े अधीर रंजन, राहुल क्यों नहीं दे रहे साथ ? 'हिमाचल को सामान्य करने में 2 साल लगेंगे..', कांग्रेस सरकार ने केंद्र से मांगे 8000 करोड़, बाढ़ ने मचाई थी तबाही मुंबई में INDIA की तीसरी मीटिंग को लेकर संजय राउत ने दिया बड़ा बयान