भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है

भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही ग्रह जनित दोषों और रोगों से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है। गुरूदेव डाॅ. सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि रूद्रहृदयोपनिषद अनुसार शिव हैं – सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् - सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं। भगवान शंकर सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनकी पूजा,अराधना समस्त मनोरथ को पूर्ण करती है। सनातन धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती हैं।

हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्रीयों का निर्देश है।

इन विभिन्न पूजन सामग्री से होने वाले रुद्राभिषेक के लाभ इस प्रकार हैं -

• जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें। • लक्ष्मी प्राप्ति के लिये गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। • धन-वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है। • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।

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