हिन्दू धर्म में मान्यताओं को विशेष रूप से महत्त्व दिया जाता है. लोग धार्मिक परम्परा व गतिविधियों में काफी विश्वास रखते है. धर्मानुसार बताया जा रहा की भगवान शिव को देव और दानव दोनों का देवता माना जाता है, धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है की भगवान शिव के शांत स्वाभाव और प्रसन्न चित्य के कारण लोग इन्हे भोले भी कहते है और इनके प्रलयंकारी स्वभाव के कारण इन्हे हम रूद्र भी कहते है. भगवान भोले नाथ को रुद्राक्ष बहुत ही प्रिय है. वे इसे अपने हाथ, गले, व सर की जटाओं में धारण करते है. शिव को और भी चीजें बेहद प्रिय हैं. उनमें से एक शिवलिंग, बेलपत्र आदि है. ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से बताया जा रहा है की इस रुद्राक्ष का आपके जीवन में भी बहुत महत्त्व होता है. कई बार आपके जीवन में भय, अशांति, दुःख, विपत्ति किसी कार्य में बाधा जैसी अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है. और आपका जीवन नीरस सा हो जाता है पर आप इससे परेशान न हो आप यदि रुद्राक्ष का पूजन कर उसे अपने गले या भुजाओं में धारण करते है. तो आपके जीवन में सुख शांति अवश्य आएगी जीवन सुखद व्यतीत होगा . मान्यता है कि यह रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से ही उत्पन्न हुआ. ज्योतिष के माध्यम से बताया जा रहा है. की इस रुद्राक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है. की इसमें वह शक्ति होती है. की यह समस्त दुखों को हर लेने की क्षमता रखता है। पुराणों और ग्रंथो के माध्यम से मिली जानकारी अनुसार रुद्राक्ष के बहुत से प्रकार होते है । वर्तमान में अधिकतर 14 मुखी और गौरी शंकर रुद्राक्ष व गणेश रुद्राक्ष ही मिल पाते हैं। रुद्राक्ष के मुख की पहचान आप यदि उसे बीच से दो भागों में विभाजित करे तभी कर पायेगें । इसमें जितने मुख होते हैं उतनी ही फांके नजर आती हैं। हर रुद्राक्ष किसी न किसी ग्रह और देवता का प्रतिनिधित्व अवश्य रूप से करता है। यदि आप रुद्राक्ष को धारण करते है तो आपके जीवन में कोई नकारात्मक सोच व प्रभाव नहीं पडेगा.जीवन सुखद व शांति के साथ व्यतीत होगा. गलत चीजों या बुरे सपनों से मुक्त रहेंगे. जीवन सम्पन्नता से भरा रहेगा .भगवान शिव आपकी हर समस्या व संकट को दूर करेंगें. शनिवार के दिन खुद शनि देव पहुंचाएंगे आपको तरक्की की राह पर कुत्तो की ये हरकतें बताती है होने वाली अनहोनी के संकेत आईने का ये संकेत जो बताता है, कितनी दूर है मृत्यु? नवरात्रि पर ये उपाय करने से भर जायेगी खाली तिजोरी