रुफिल ने आज सी-स्कीम, जयपुर में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए ’ह्दय का स्वास्थ्य’ विषय पर एक सत्र का आयोजन किया। संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट व न्यूट्रीसागा की डायरेक्टर सुरभि पारीक ने ’वल्र्ड हार्ट डे’ (29 सितंबर ) के संदर्भ में उपयोगी जानकारी साझा की। सत्र इस बात पर केंद्रित था कि हृदय के स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखा जाए, महिलाएं इसे बनाएं रखने के लिए क्या उपाय कर सकती हैं और हृदय रोगों से कैसे बचा जा सकता है। आहार विशेषज्ञ ने यह भी बताया कि दिल की बीमारियों को रोकने के लिए लोगों को अपने आहार को किस तरह तैयार करना चाहिए। छात्रों को दिल के कामकाज के बारे में बताया गया और बताया गया कि दिल को स्वस्थ रखना क्यों जरूरी है। पोषण विशेषज्ञ, सुरभि पारीक ने स्कूल में छात्राओं और शिक्षकों को ह्दय की बीमारियों की रोकथाम और भविष्य में समस्याओं से बचने के लिए अपने दिल को स्वस्थ रखने के उपायों के बारे में बताया। संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट व न्यूट्रीसागा की डायरेक्टर सुरभि पारीक ने कहा, ’संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली हृदय रोगों से लडऩे के लिए सबसे अच्छा हथियार है। अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने कुछ टिप्स भी शेयर किए, जैसे फल और सब्जियां खाएं, रिफाइंड आटे के बजाय साबुत अनाज का उपयोग करें और रेड मीट का सेवन सीमित करें। रेड मीट के बजाय, लोग प्राथमिक प्रोटीन स्रोतों के रूप में मछली, चिकन, दालें और फलियांे का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, लोगों को अपने नियमित आहार में प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड के ट्रांस-फैट से बचना चाहिए। दूध और दूध से बने उत्पाद आपके दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। अपने दैनिक आहार में एक चम्मच घी लेना हृदय के लिए सहायक हो सकता है। दुग्ध उत्पाद, यहां तक कि उच्च वसा स्तर वाले दुग्ध उत्पाद भी हृदय रोगों का कम जोखिम पैदा करते हैं। आहार को नियंत्रित करने के अलावा, शारीरिक गतिविधि भी महत्वपूर्ण है, लोगों को सप्ताह में कम से कम 6 दिन व्यायाम या आउटडोर खेलों के लिए कम से कम 40 मिनट का समय देना चाहिए।’ कैंसर सहित किसी भी अन्य बीमारी की तुलना में हृदय रोग महिलाओं में अधिक संख्या में मौतों का कारण है। दुनिया में 4 में से 1 महिला दिल की विफलता से मर जाती है और हार्वर्ड के अनुसार, हर साल 4,25,000 महिलाएं कम से कम एक बार स्ट्रोक का शिकार बनती हैं, जो पुरुषों की तुलना में 55,000 अधिक है। महिलाओं में दिल की बीमारियों के लक्षण पुरुषों की तुलना में बहुत अधिक होते हैं, महिलाओं में लक्षण जबड़े के दर्द से लेकर असामान्य पसीने से लेकर सीने में हल्का दर्द तक हो सकते हैं। रजोनिवृत्ति और हार्मोन में परिवर्तन जैसे कारक महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।’ रुफिल के एमडी अभिषेक जोशी ने कहा, ’दिल की सेहत के बारे में जागरूकता लाने के लिए, दिल की देखभाल करना क्यों महत्वपूर्ण है और यह कैसे किया जा सकता है, संबंधित जानकारियों को समेटे इस सत्र का आयोजन करते हुए रुफिल को खुशी है। हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में दूध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं को भी दिल की बीमारियां होने का खतरा होता है और इस स्कूल की लड़कियों को आज यहां बताया जा रहा है कि इस तरह की चीजों को कैसे रोका जाए। हृदय रोगों के जोखिम को रोकने के लिए लोग विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पादों का सेवन कर सकते हैं जैसे कि दूध-दही, पनीर आदि।’ रुफिल के बारे में- रुफिल ने डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में शुरुआती दौर में खाद्य उत्पादों के कारोबार में प्रवेश किया। उन्होंने अत्याधुनिक डेयरी प्रसंस्करण सुविधा की स्थापना की है जिसमें दूध की वर्तमान क्षमता लगभग 50,000 लीटर प्रति दिन (एलपीडी) है, इसे 100 केएलपीडी तक बढ़ाने की गुंजाइश है। रुफिल ने खरीद से लेकर प्रसंस्करण तक की प्रक्रिया में कड़े गुणवत्ता मानकों और जांचों को लागू किया है। रुफिल ने सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले 100 फीसदी बिना मिलावट वाले कच्चे दूध की खरीद के लिए किसानों का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया है, जो विशेष उपकरणों का उपयोग ककरता है, एक बीएमसी मॉडल है जो दूध को बिलकुल ताजा रखता है। रुफिल की एक प्रमुख ताकत दूध खरीद (संग्रह) प्रणाली है। रफिल ने किसी भी मशीन या प्रणाली को खरीदने में संकोच नहीं किया है जो यह सुनिश्चित करने में मदद करती हो कि सेंटर पर एकत्रित दूध की हर बूंद मिलावट से मुक्त रहे। प्रत्येक किसान जो दूध रुफिल सेंटर में लाता है, उसे पहले अपने दूध के नमूने को विशेष परीक्षण मशीनों पर परीक्षण करवाना होता है और इस पर खरा उतरने के बाद ही उनके दूध को सिस्टम में लिया जाता है। यह एक दैनिक प्रक्रिया है और तकनीक की मदद से रुफिल लगातार पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन निगरानी करता है। तो जितना दूध संग्रहित किया जाता है वह प्रक्रिया की शुरुआत से ही 100 फीसदी सुरक्षित और शुद्ध होता है। इसके अलावा रुफिल ने श्रमिकों की स्वच्छता पर सख्त नीति बनाई है और कारखाने में विशेष स्वच्छता क्षेत्र बनाए हैं जो अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण मानकों के अनुरूप है। कारखाने को डेयरी, विद्युत और यांत्रिक पृष्ठभूमि वाले स्विस विशेषज्ञों के समर्थन से तैयार किया गया है, जिसने इसे जयपुर में एक अत्याधुनिक फैसिलिटी बनाने में मदद की है।' बढ़ रहा भारत में बने मोबाइल फोन हैंडसेट का निर्यात, पढ़े रिपोर्ट जुलाई माह में देश में इतना रहा रोजगार का आंकड़ा आरबीआई ने नौ कमर्शियल बैंकों के बंद होने के खबरों का किया खंडन