नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते केसेस और पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में मचे कोहराम का असर भारतीय करंसी रुपये पर देखने को मिल रहा है. दरअसल, बीते कारोबारी दिन रुपया पहली मर्तबा प्रति डॉलर 75 के पार पहुंच गया है. यह रुपये का अब तक का सबसे निम् स्तर है. मतलब ये कि रुपये में इतनी बड़ी गिरावट इतने सालों में कभी नहीं देखी गई है. हालांकि, रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 74.26 के स्तर पर बंद हुआ था. किन्तु रुपये में गिरावट का दौर अब भी जारी है. गुरुवार को भी ट्रेडिंग के दौरान रुपया एक बार फिर 75 रुपये प्रति डॉलर के पार पहुंच गया. कारोबारियों के अनुसार, निवेशकों में बेचैनी हैं क्योंकि विश्व के दूसरे देशों के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था भी कोरोना वायरस महामारी की वजह से गहरे संकट में घिरती हुई नज़र आ रही है. घरेलू इक्विटी बाजार में भारी गिरावट और विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने से कारोबारियों की चिंता और बढ़ गई है. आमतौर पर अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडराता है या इक्विटी बाजारों में गिरावट आती है, तो लोग गोल्ड में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे इसके भाव में वृद्धि होती है. इस वक़्त में यह थ्योरी बिल्कुल गलत साबित हो रही है. सोने में 1 हफ्ते में लगभग 7 फीसदी तो चांदी में 22 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. कोरोना ने IRCTC की रफ़्तार पर लगाया ब्रेक, एक महीने में आधी हुई निवेशकों की रकम कोरोना ने बाज़ार में मचाया कोहराम, 2000 अंक टूटा सेंसेक्स YES Bank पर लगी तमाम पाबंदियां हटी, पैसे निकालने की लिमिट भी ख़त्म