नई दिल्ली : सप्ताह के चौथे दिन यानी गुरूवार को बाजार के खुलते ही रुपये में भी गिरावट दर्ज की गई। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की कमजोरी के साथ 68.58 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। वहीं बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 33 पैसे की मजबूती के साथ 68.42 के स्तर पर बंद हुआ था। इसी के साथ आज बाजार में भी गिरावट का रुख नजर आया. बुधवार को रूपये में नजर आई 3 पैसे की मजबूती ऐसे जारी होते है आंकड़ें सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। बुधवार को भी नजर आई पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता इस तरह चलता है पता इसी के साथ अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2018-19 में जीएसटी और वैट से जुटाए इतने करोड़ रूपये इस साल फरवरी में घटी आठ प्रमुख उद्योगों की उत्पाद वृद्धि दर जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार मार्च में हुआ रिकॉर्ड कलेक्शन