नई दिल्ली : देश में गुरुवार को रुपये में मामूली मजबूती के साथ शुरुआत हुई। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की मजबूती के साथ 69.57 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं मंगलवार को डॉलर के खिलाफ रुपया 45 पैसे की बढ़त के साथ 69.56 के स्तर पर बंद हुआ है। मई माह के पहले ही दिन तेल कंपनियों ने दी आम जनता को बड़ी राहत इस कारण पड़ा असर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। धातुओं में हो रही घटबढ़ के बीच सुस्त पड़ी स्थानीय जेवराती मांग वैश्विक स्तर पर ऐसी स्तिथि जानकारी के मुताबिक अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। आज इस कारण नहीं हो रहा भारतीय शेयर बाजार में कारोबार गिरावट के साथ खुलने के बाद, कुछ ऐसा रहा बाजार का हाल देशभर में बढ़ रही है सोने की मांग, कीमत में भी हुई बढ़ोतरी