रुपये में डॉलर के मुकाबले पिछले सत्र से लगातार अधिक बढ़त देखी जा रही है। बता दें रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले पिछले सत्र से 15 पैसे की बढ़त के साथ 70.05 पर खुला। पिछले सत्र में रुपये में कमजोरी आई थी, जिसकी मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी रही है. आईटी और आईटीईएस निर्यात में हो सकती है 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि रुपया थोड़ा संभला है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमोडिटी विशेषयज्ञों कि माने तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी आने से भारत में तेल आयात के लिए ज्यादा डॉलर की जरूरत होगी, इसलिए रुपये पर दबाव आया, हालांकि पिछले सत्र के मुकाबले रुपया थोड़ा संभला है। उधर, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचकांक डॉलर इंडेक्स बुधवार को फिर 0.11 नीचे फिसलकर 95.377 के स्तर पर आ गया। सप्‍ताह के दूसरे दिन भी गिरावट के साथ शुरू हुआ शेयर बाजार इस कारण हुआ बदलाव जानकारी के लिए बता दें छह मुद्राओं के समूह में सबसे अधिक भारांक वाली मुद्रा यूरो और आस्ट्रेलियन डॉलर व ब्रिटिश पौंड में डॉलर के मुकाबले मजबूती रही, जबकि जापानी येन में कमजोरी दर्ज की गई। यूरो डॉलर के मुकाबले 0.17 फीसदी की कमजोरी के साथ 1.1459 पर बना हुआ था। मुद्रा बाजार के विशेषयज्ञों अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर पिछले साल पैदा हुए तनाव को दूर करने की दिशा में जारी बातचीत से आस्ट्रेलियन डॉलर समेत कुछ जोखिम वाली मुद्राओं को लाभ मिला है। स्वस्थ रहना चाहते हैं तो जी भर कर और चिल्ला चिल्ला कर दें गालियां हड़ताल: मुंबई की सड़कों पर नहीं दौड़ रही बेस्ट की बसें, आम आदमी हो रहा परेशान बैंकों की देशव्यापी हड़ताल ने कामकाज जारी रखेंगे ये बैंक