नई दिल्ली : सप्ताह के तीसरे यानी बुधवार को रुपया 3 पैसे मजबूत होकर 69.72 प्रति डॉलर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। इसके पहले मंगलवार को रुपया करीब 40 पैसे मजबूत होकर 69.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बाजार सूत्रों के अनुसार बांड और शेयर बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने से रुपये को लेकर सेंटीमेंट मजबूत हुआ। रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के साथ डॉलर-रुपया अदला-बदली के अनुबंधों की दूसरी नीलामी की घोषणा से भी रुपये को मजबूती मिली। सोने की कीमतों ने लगाई छलांग, वहीं चांदी की चमक पड़ी फीकी ऐसे जारी होते है आंकड़ें सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नजर नहीं आया कोई खास बदलाव इस तरह चलता है पता इसी के साथ अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। इस साल फरवरी में घटी आठ प्रमुख उद्योगों की उत्पाद वृद्धि दर जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार मार्च में हुआ रिकॉर्ड कलेक्शन आरबीआई शुरू करने जा रहा है मौद्रिक नीति समीक्षा की अहम बैठक, हो सकते है कई बड़े फैसले