नई दिल्ली : अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता की संभावना, घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआती बढ़त, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 23 पैसे मजबूत होकर 70.21 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया। बता दें आज बाजार में भी शुरुआत के साथ बढ़त का रुख नजर आया. इस कारण अप्रैल में बढ़ी खुदरा महंगाई दर इस तरह मजबूत होता है रुपया जानकारी के लिए बता दें अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की मजबूती के साथ हुई रूपये की शुरुआत यह होता है विदेशी मुद्रा भंडार इसी के साथ रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। देश भर में अब तक हो चुकी है 300 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीदी कई दिनों बाद आज शेयर बाजार में नजर आई मामूली उछाल पेट्रोल की कीमतों में 25 पैसे तो डीजल में नजर आई 12 पैसे तक की गिरावट