नई दिल्ली : गुरुवार को रुपये में गिरावट के साथ शुरुआत हुई। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे की कमजोरी के साथ 69.40 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया बिना उतार चढ़ाव के 69.26 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। बुधवार को ईद के उपलक्ष्य में करेंसी बाजार बंद रहा था। अप्रैल में चाय के निर्यात में हुआ 30 फीसदी तक का इजाफा इस तरह पूरी होती है मांग सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। चालू सीजन में 337 लाख टन हुई गेहूं की सरकारी खरीद इस तरह मजबूत होता है रुपया इसी के साथ बता दें अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। लगातार छठे दिन गिरे पेट्रोल और डीजल के दाम आज ईद-उल-फितर के मौके पर बंद हैं देश के शेयर बाजार पिछले साल के मुकाबले इस साल दोगुना रूई का आयात कर सकता है भारत