नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजार की शुरुआती गिरावट और कच्चे तेल के दाम में तेजी से सोमवार को रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 9 पैसे गिरकर 69.89 रुपए प्रति डॉलर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार पर डॉलर के मुकाबले रुपया गिरावट के साथ 69.87 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर खुला और शुरुआती कारोबार गत गत दिन के बंद के मुकाबले नौ पैसे गिरकर 69.89 रुपए पर आ गया। RBI ने बैकों को दिया झटका, इस लापरवाही पर लगेगा भारी जुर्माना इस तरह पूरी होती है मांग सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। गडकरी ने किया कृषि क्षेत्र और पिछड़े इलाकों के विकास के लिए काम करने का आग्रह इस तरह मजबूत होता है रुपया इसी के साथ बता दें अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दिए एटीएम की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दो साल के न्यूनतम स्तर तक पहुंची थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति निर्यात में मई में साल-दर-साल आधार पर दर्ज की गई 3.93 फीसदी की वृद्धि