नई दिल्ली : सोमवार को रुपये में तेजी के साथ शुरुआात हुई। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की मजबूती के साथ 69.41 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे की मजबूती के साथ 69.52 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। वैश्विक बाज़ार में सोने-चांदी चमके, लेकिन भारत में गिरी कीमतें इस तरह पूरी होती है मांग सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। मोटे अनाज का उत्पादन घटने से देश में महंगा हुआ पशु चारा इस तरह मजबूत होता है रुपया इसी के साथ बता दें अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है। लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इस सप्ताह डाला बाजार पर व्यापक असर स्थानीय तेल तिलहन के बाजार में मांग कमजोर रहने से उतरे वनस्पति के दाम खाद्य तेलों में खरीदी से मजबूत नजर आया बाजार