वाशिंगटन: अमेरिका (USA) और रूस ने इस बात पर सहमति जाहिर की है कि वे दोनों एक साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस बात के लिए मनाएंगे कि कोई भी 'इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान' को फिर से बहाल करने के किसी कोशिश का समर्थन ना करे. बता दें कि खुद को सत्ता से अलग किए जाने से पहले तालिबान अपनी सरकार को 'इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान' कहकर संबोधित किया करता था. एक न्यूज पेपर की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका और रूस अंतर अफगान वार्ता और राजनैतिक प्रक्रिया से निर्धारित होने वाली अफगान इस्लामी हुकूमत की दिशा में तालिबान की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हैं. किन्तु वे यह दोहराना चाहते हैं कि 'इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान' को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और यूनाइटेड नेशंस की मान्यता नहीं प्राप्त है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इसे स्वीकार करने या बहाल करने के किसी भी कोशिश का समर्थन नहीं करेगा. तालिबान ने शनिवार को कहा था कि वे अब भी अफगानिस्तान के 'वैध शासक' हैं और यह उनका दायित्व है कि वे 2001 में अमेरिकी सेना द्वारा बेदखल किए जाने से पहले की 'इस्लामी सरकार' को फिर से बहाल करें. उन्होंने कहा था कि अमेरिका से दोहा में हुए शांति समझौते से इस स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा है कि उनके शीर्ष लीडर मुल्ला हैबतुल्ला ही अफगानिस्तान के वैध शासक हैं. हालांकि तालिबान ने अपने बयान में 'इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान' शब्द इस्तेमाल नहीं किया है. हार्द‍िक पंड्या ने अपनी मंगेतर और पर‍िवार के साथ इस तरह मनाई होली, देखिये ये खास फोटोज परेड की रिहर्सल कर रहा था पाकिस्तानी एयरफोर्स का विमान, हुआ हादसे का शिकार कोरोना के कारण ना कटे मजदूरों का पैसा, इसीलिए संसद में प्रस्ताव पेश करेंगे ट्रम्प