अंकारा: हाल ही में सीरिया में असद सरकार और उसकी सहयोगी रूसी सेना के हमलों से उपजे हालात पर चर्चा के लिए तुर्की का एक प्रतिनिधि मंडल बीते सोमवार को रूस पहुंचा. जंहा सीरिया से बड़े पैमाने पर पलायन का मुद्दा इस वार्ता के मुख्य एजेंडे में शामिल है. वहीं असद सरकार ने रूसी सेना की मदद से सीरिया के इदलिब प्रांत में विद्रोही गुटों के कब्जे वाले इलाकों में हमले तेज कर दिए हैं. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर तुर्की की ओर जा रहे हैं. शरणार्थियों को जगह देने में सक्षम नहीं: सूत्रों से मिली जाकै के अनिसार इस बात का पता चल है कि इससे चिंतित तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने बीते रविवार को कहा था कि उनका देश अब और शरणार्थियों को जगह देने में सक्षम नहीं है. युद्ध के चलते सीरिया से भागे 37 लाख लोगों ने पहले ही तुर्की में शरण ले रखी है. लेकिन यह दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी आबादी है. तुर्की स्थित मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को कहा कि ताजा हालात के कारण सीरिया से करीब एक लाख बीस हजार लोग तुर्की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं. हम बता दें कि तुर्की ने पहले सक्रिय रूप से सीरियाई शरणार्थियों को खतरनाक रास्ते को पार कर ग्रीस में घुसने से रोका था. इसके बदले उसे यूरोपीय संघ से कुछ अरब डॉलर की मदद मिलने की उम्मीद थी. एर्दोवान ने यूरोपीय संघ पर आरोप लगाया कि तुर्की को अब तक कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है. वहीं जब इस बात की जांचपड़ताल कि गई तो तुर्की से पता चला उसे अब भी छह अरब यूरो की मदद यूरोपीय संघ से मिलने की उम्मीद है. हाल में सीरियाई कुर्दों पर तुर्की के हमले का अमेरिका और यूरोपीय संघ ने विरोध किया था. इन देशों ने कहा था कि सीरिया पर तुर्की के हमले ने हालात को अस्थिर कर दिया है. हालांकि तुर्की पर इसका खास असर नहीं हुआ. पाक पर बांग्लादेश का निशाना, कहा-इनकी हरकतों के कारण... विदेशी मंत्री का बड़ा बयान, कहा- चीन ने क्षेत्रीय स्थिरता व विकास को बढ़ावा देने में... पाक की 'नापाक' करतूत उजागर, भारतीय मिशनों पर हमला करने के लिए फिदायीन हमलावरों को दे रहा ट्रेनिंग