भारत-चीन विवाद के बीच आया रूस का बयान, दिया अहम सन्देश

मॉस्को: भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में गहराते जा रहे तनाव के बीच रूस ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश विवाद को जल्द ही हल कर लेंगे और दोनों देशों के बीच 'रचनात्मक' संबंध क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है. रूसी दूतावास के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि रूस को पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर विवाद का 'सकारात्मक हल' निकलने की उम्मीद है.

बाबुश्किन ने कहा है कि,' दो महान सभ्यताओं के बीच शांतिपूर्ण पड़ोस के खातिर हम सकारात्मक घटनाक्रम की आशा करते हैं. स्थिरता और सतत विकास पर क्षेत्रीय संवाद को बढ़ावा देने के लिए हमारे भारतीय और चीनी दोस्तों के बीच रचनात्मक संबंध काफी अहम हैं.' उन्होंने कहा है कि रूस शंघाई सहयोग संगठन (SCO),ब्रिक्स और रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय फोरम की आने वाली बैठकों में भारत और चीन के बीच अपने संवाद को और बढ़ाने की आशा करता है.

आपको बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच लगभग एक माह से पूर्वी लद्दाख में वास्तवित नियंत्रण रेखा पर गहरा तनाव चल रहा है. दोनों देश विवाद को समाधान करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या रूस में कोरोना वायरस संकट की वजह से भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली मिलने में और देरी हो सकती है, बाबुश्किन ने कहा कि महामारी को देखते हुए सैन्य अनुबंधों के क्रियान्वयन में कुछ देर हो सकती है. उन्होंने कहा कि,' जब बात सैन्य और प्रौद्योगिकी सहयोग समेत समझौतों पर क्रियान्वयन की आती है तो कोरोना के कारण लागू पाबंदियों के चलते  कुछ देर होना लाजमी है. हालांकि दोनों पक्ष सभी वर्तमान अनुबंधों के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें भारत को एस-400 प्रणाली की आपूर्ति करना शामिल है.'

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