नई दिल्ली: रूस और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के 'मेक इन इंडिया' अभियान की सराहना करते हुए भारत में निर्माण इकाई (मैन्‍युफैक्चरिंग यूनिट) स्थापित करने की इच्छा जताई है। साथ ही, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश को लाभकारी बताया। हाल ही में भारत सरकार ने जानकारी दी कि रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट ने भारत में 20 अरब डॉलर का बड़ा निवेश किया है। यह घोषणा पुतिन के भारत दौरे से पहले हुई है, जो अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है। पुतिन ने रूस के 'वीटीबी रूस कॉलिंग इन्वेस्टमेंट फोरम' में कहा कि रूस भारत में निवेश और साझेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। रोसनेफ्ट ने भारत को अपना रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा कि वह तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन और व्यापार के लिए भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके अलावा, रूस ने भारत को प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता के रूप में प्राथमिकता दी है। भारत और रूस के बीच लंबे समय से मजबूत दोस्ती है, जो सोवियत संघ के समय से चली आ रही है। दोनों देशों के बीच रक्षा, कूटनीति और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग गहरा है। हालांकि, भारत ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की आलोचना करने से बचते हुए हमेशा शांति की अपील की है। भारत ने रूस से सस्ता तेल आयात बढ़ाकर अपने ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत किया है, जिससे पश्चिमी देशों में नाराजगी देखी गई है। रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल, व्यापार दोगुना करने की योजना पर काम हो रहा है, जिसमें ऊर्जा के क्षेत्र का प्रमुख योगदान रहेगा। देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, PM मोदी से आशीर्वाद लेकर ली शपथ निर्मला सप्रे की बड़ी मुश्किलें, HC में स्वीकार हुई कांग्रेस की ये याचिका 'हिंदुओं को बाँटकर कटवाने की तैयारी', CM योगी ने इस्लामी-कट्टरपंथ के खतरे को लेकर चेताया