भारतीय सिनेमा के जाने माने मशहूर संगीतकार, आवाज के धनी और कमाल के संगीत निर्देशक श्रीपति पंडितराध्युला बालासुब्रमण्यम का आज ही के दिन जन्म हुआ था। 4 जून 1946 को जन्मे बाला सुब्रमण्यम, एक भारतीय पार्श्वगायक, अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक और फिल्म निर्माता हैं। उन्हें कभी-कभी एसपीबी अथवा बालु के नाम से भी जाना जाता है। मशहूर गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का निधन बीते वर्ष 25 सितम्बर को हो गया था। बालासुब्रमण्यम न केवल एक कमाल के गायक थे बल्कि एक उम्दा डबिंग आर्टिस्ट भी थे। डबिंग के लिए उन्हें दो बार नंदी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। नंदी पुरस्कार तेलुगु फिल्म, थिएटर तथा टेलीविज़न के लिए आंध्रप्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान है। गायक होने के साथ-साथ बालासुब्रमण्यम, अनिल कपूर, गिरीश करनाड़, मोहनलाल से लेकर रजनीकांत के लिए तमिल अथवा तेलुगु में डबिंग करते रहे हैं। करियर के आरम्भ से लेकर अब तक वो कई तमिल और तेलुगु मूवीज में काम कर चुके हैं। वहीं बात यदि हिंदी फिल्मों में बालासुब्रमण्यम की करें तो उनकी हिट सूचि में 'सच मेरे यार है','ओ मारिया', 'दिल दीवाना', 'कबूतर जा जा', 'आजा शाम होने आई', मेरे रंग में रंगने वाली, 'दीदी तेरा देवर दीवाना, पहला पहला प्यार है तथा 'रोजा जानेमन' जैसे कई गीत मशहूर रहे। 1946 में जन्मे एसपी बालासुब्रामण्यम को आरम्भ से ही संगीत में दिलचस्पी थी। बालासुब्रमण्यम एक बेहतरीन गायक थे, दर्शकों के दिलों को जीतने के साथ ही साथ बालासुब्रमण्यम कई पुरस्कार भी जीत चुके थे। बालासुब्रमण्यम 6 राष्ट्रिय पुरस्कार अपने नाम कर चुके थे, वो भी चार भिन्न-भिन्न भाषाओं में- हिंदी, तमिल, तेलुगु एवं कन्नड़। दक्षिण भारत में पैदा हुए तथा कई भाषाओं में गाने वाले एसपी बालासुब्रामण्यम खुले आम ये बोलते थे कि गाना गाने का भाव और प्रेरणा उन्हें हिंदी गानों से हासिल हुई है, विशेष तौर पर मोहम्मद रफी के वो बड़े प्रशंसक थे। वैसे बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे की बालासुब्रामण्यम की संगीत में रूचि अवश्य थी लेकिन सपना इंजीनियर बनने का था। संगीत के जगत में वो गायिकी से तो लोकप्रिय हैं ही, बतौर संगीत निर्देशक भी बहुत काम किया है। 1966 में तमिल फिल्म श्रीश्री मर्यादा रामन्ना में उन्होंने पहला गाना गाया। वहीं से तमिल तथा कन्नड़ में भी अवसर प्राप्त होने लगे। फिल्म 'मैंने प्यार किया' में सलमान खान इस मूवी के गीत एसपी बालासुब्रमण्यम ने ही गाए थे। 60 के दशक से गाते आ रहे एसपी बालासुब्रामण्यम 74 वर्ष की आयु तक सक्रिय बने रहे तथा दर्शकों को दीवाना बनाते रहे। बालासुब्रामण्यम के सफर की सबसे विशेष बात ये थी कि उन्होंने कभी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा नहीं ली थी। एसपी बालासुब्रामण्यम के बारे में ये लोकप्रिय है कि उन्होंने एक दिन में 21 कन्नड गानों को आवाज देकर रिकॉर्ड बनाया था तथा ये भी दावा किया जाता है कि सबसे अधिक गाना गाने का रिकॉर्ड (तकरीबन 40000) भी उनके नाम है। बड़े परदे पर रिलीज होगी राहगीर-द वेफेयरर्स, फिल्म निर्माता ने कही ये बात स्वप्नसंधानी ने डिजिटल रूप से मनाई अपनी वर्षगांठ सुपरस्टार पृथ्वीराज मलयालम में पेश करेंगे 777 चार्ली