उच्च न्यायालय के पूर्व महाधिवक्ता एस रामचंद्र राव का हुआ निधन

हैदराबाद : बीते कल उच्च न्यायालय के पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकील एस रामचंद्र राव का निधन हो गया. जी दरअसल उनके निधन की खबर से सभी हैरान है. बताया जा रहा है वह कुछ समय से अस्वस्थ्य थे. आपको हम यह भी बता दें कि महाधिवक्ता के निधन के बाद जैसे ही इस बारे में मारवाड़ी शिक्षा समिति द्वारा संचालित एमएसएस लीगल अकादमी और 'फांसी' आत्मकथा किताब के लेखक के राजन्ना को पता चला उन्होंने गहरा दुख व्यक्त किया. आप सभी जानते ही होंगे वकील रामचंद्र राव ने कई ऐसे संवेदनशील मामलों में अपना पक्ष रखा है जो उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में शामिल हुए थे.

वहीँ रामचंद्र राव ने आंध्रा विश्वविद्याल से विज्ञान में स्नातक की डिग्री भी ली थी. आपको बता दें कि इसी के बाद उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री पूरी की. वहीं इसके आलावा उन्हें उनके जीवनकाल में अनेक संवेदनशील मुकदमे लड़ने के लिए भी जाना जाता था. अब रामचंद्र राव के निधन पर मारवाड़ी शिक्षा समिति द्वारा संचालित एमएसएस लीगल अकादमी के निदेशक प्रो डीवीजी कृष्णा ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है. जी दरअसल प्रो डीवीजी कृष्णा ने रामचंद्र राव के आत्मा की शांति प्रदान करने की ईश्वर से कामना व्यक्त की है. वैसे हम आपको यह भी बता दें कि रामचंद्र राव ने साल 1980 में आदिलाबाद जिला कोर्ट द्वारा के राजन्ना को सुनाई गई मौत की सजा के लिए भी मुकद्दमा लड़ा था.

वहीं रामचंद्र राव को सरकार की तरफ से ही राजन्ना का मुकद्दमा लड़ने के लिए भेजा गया था. इस दौरान वह मुशीराबाद जेल में सजायाफ्ता कैदी राजन्ना से मिलने गये और मामले की जानकारी ली. उस दौरान हाईकोर्ट ने राजन्ना की मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था. बाद में राजन्ना को चंचलगुड़ा जेल में रखा गया. उस दौरान राजन्ना ने जेल में उच्च शिक्षा हासिल की और जेल में अच्छे आचरण को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री एनटीआर ने साल 1980 में राजन्ना को क्षमादान देकर जेल से रिहा कर दिया. आपको बता दें कि साल 2018 में प्रकाशित 'फांसी' आत्मकथा किताब में राजन्ना ने महाधिवक्ता रामचंद्र राव के बारे में लिखा है.

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