सांप काटने पर ऐसे पता करें कि कहीं आपसे बदला तो नहीं लिया

आप सभी को बता दें कि भविष्य पुराण के पांचमी कल्प में सांपों के बारे में विस्तार से बताया गया है और इस खंड में राजा शतानीक और महर्षि सुमंतु के जरिए महर्षि कश्यप द्वारा सांपों के विषय में जानकारी का उल्लेख किया गया है. ऐसे में राजा शतानीक, महर्षि सुमंतु से सांपों के बारे में विस्तार से बताने का निवेदन करते हैं और इसके बाद महर्षि उन्हें सांपों से जुड़ी गहरी जानकारी देते हैं. वहीं आज हम जो कहानी बताने जा रहे हैं उस कहानी से आप समझ सकते हैं कि सांप के काटने का कारण क्या है.

कहानी - महर्षि कश्यप के मुताबिक सांप किसी भी इंसान को केवल 8 कारणों से काटता है. सांप के काटने के बाद व्यक्ति के शरीर पर जो निशान बनता है, उस निशान के आकार को देखकर आप समझ सकते हैं कि सांप ने किस कारण काटा है. सांप किसी भी व्यक्ति का दबाव पड़ने पर, पुरानी दुश्मनी को लेकर, मद में होने के चलते, भूख व भय से, विष के वेग के कारण, बच्चों की सुरक्षा के लिए या काल की प्रेरणा होने पर ही सांप काटता है. जब सांप काटते ही पेट के तरफ उल्टा हो जाए और उसकी दाढ़ टेढ़ी हो जाए तो समझ जाइए कि सांप ने दबाव होने के कारण काटा है वहीं अगर सांप के काटने पर बड़ा घाव हो जाए तो समझ जाना चाहिए कि सांप ने किसी द्वेष में काटा है.

इसी के साथ अगर सांप के काटने के बाद एक दाढ़ का निशान बने और वह निशान ठीक से दिखाई ना दे तो समझ जाना चाहिए कि सांप ने किसी भय के कारण काटा है और इसके अलावा अगर सांप के काटने पर दाढ़ का निशान किसी रेखा की तरह बन गया हो तो समझ जाना चाहिए कि सांप ने मद के कारण काटा है. इसी के साथ अगर सांप के काटने के बाद दो दाढ़ का निशान दिखाई दे और घाव बड़ा हो तो समझना चाहिए कि सांप ने भूख के कारण काटा है और दो दाढ़ का निशान दिखाई दे और निशान खून से भर जाए तो समझना चाहिए कि सांप ने विष के वेग के कारण काटा है. इसी के साथ अगर सांप के काटने के बाद निशान के रूप में दो दाढ़ दिखाई दें लेकिन घाव ना बने तो समझना चाहिए कि आस-पास कहीं सांप के बच्चे हैं और वह उनकी रक्षा के लिए काटा है.

ऐसे तय किया जाता है बकरी ईद के त्यौहार का दिन

जैन धर्म में मोक्ष सप्तमी का खास महत्व

जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर बने भगवान पार्श्वनाथ, ऐसी है कथा

Related News