सबरीमाला फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मंदिर प्रशासन

कोच्ची: केरल सरकार इस समय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए भक्तों के क्रोध का सामना कर रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी है. अदालत के इस फैसले से नाराज़ सबरीमाला मंदिर के मुख्य  पुजारियों ने केरल प्रधानमंत्री पिनरायी विजयन का बातचीत का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है.

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सबरीमाला मंदिर के एक तंत्री मोहनारु कंदारौ ने कहा है कि सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में पहली बार एक समीक्षा याचिका दायर करने दें, तब हम बात कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में सभी उम्र कि महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देना, मंदिर की दिव्यता का उल्लंघन है. कंदारौ ने कहा, उत्पादक युग की महिलाओं की प्रविष्टि मंदिर के रिवाजों को प्रभावित करेगी और मंदिर की दिव्यता को नष्ट कर देगी, महिला पुलिस तैनात करने से मंदिर के रिवाजों को नष्ट हो जाएंगे.

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इससे पहले राज्य पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने कहा था कि हिलटॉप मंदिर में 600 महिला पुलिस तैनात की जाएंगी. पठानमथिट्टा जिला जहां सबरीमाला मंदिर स्थित है, में रविवार को भाजपा युवा मोर्चा द्वारा बंद का आह्वान किया गया है, इसके लिए कार्यकर्ताओं ने अन्य इलाकों में भी आंदोलन चला रखा है.

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