नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर हुई पुनर्विचार याचिकाओं पर अदालत 13 नवंबर को सुनवाई करेगी. इससे पहले सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि हम जानते हैं कि इस संबंध में 19 समीक्षा याचिकाएं लंबित हैं, हम कल तय करेंगे कि इन याचिकाओं को कैसे सूचीबद्ध करना है. अगर आप विस्तारा एयरलाइंस से सफर करने जा रहे हैं तो पहले पढ़ ले ये खबर उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि 10 से 50 वर्ष के बीच की महिलाएं भी केरल के सबरीमाला पहाड़ी मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं. पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविल्कर, रोहिंटन नरीमन, डीवाई चंद्रचुद और इंदु मल्होत्रा के पांच न्यायाधीशीय संविधान खंडपीठ ने फैसला सुनाया, जिसमें एकमात्र न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा असंतोषजनक थीं. 13 महिलाएं कर चुकी हैं मंदिर में जाने की कोशिश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से अब तक पत्रकार, एक्टिविस्ट आदि के रूप में कार्य करने वाली 13 महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन उन सबको प्रदर्शनकारियों द्वारा वापिस भेज दिया था. इनमे से कई महिलाएं अपने साथ पुलिस अधिकारियों को भी साथ लेकर गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों के सामने उनकी एक न चली और उन्हें आधे रास्ते से ही लौटना पड़ा. वर्तमान में मंदिर बंद हो चुका है, जो अब अगले दर्शन के लिए 4 नवंबर को खुलेगा. खबरें और भी:- मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतरे, रेल यातायात हुआ बाधित ईशा और आनंद के संगीत पर ये इंटरनेशनल सिंगर अपने गानों से मचाएंगी धमाल अगर आप भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक हैं तो पढ़िए बैंक के इस ई मेल को