नई दिल्ली: देश के सबसे चर्चित मामले सबरीमाला मंदिर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के अपने फैसले पर बुधवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बीते कुछ दिनों से काफी गर्म माहौल बना हुआ है। धर्म परिवर्तन की जांच करने पहुंचे एसडीएम और सीओ, सामने आई ये सच्चाई वहीं बुधवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक वकील ने न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। जिस पर पीठ ने कहा कि 22 जनवरी तक इंतजार करें जब संविधान पीठ पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। यहां बता दें कि प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मंगलवार को ही चैंबर में इन पुनर्विचार याचिकाओं की विवेचना करने के बाद इन पर 22 जनवरी को सुनवाई करने का निर्णय किया था। ओडिशा में गैस सिलेंडर फटने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर पर अपना फैसला सुनाया था जिसका केरल के लोगों द्वारा जमकर विरोध किया गया था। इसके अलावा बता दें कि पीठ ने स्पष्ट किया था कि इस दौरान शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के फैसले और आदेश पर कोई रोक नहीं रहेगी। यहां बता दें कि शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की आयु की महिलाओं का प्रवेश वर्जित करने को लैगिंग पक्षपात करार देते हुये इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी थी। खबरें और भी रहस्यमय तरीके से लापता हुई लड़कियां, फैली सनसनी जीसैट-29 उपग्रह के लांच होने से इसरो को अंतरिक्ष में मिलेगी बड़ी सफलता दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई मामले में लिप्त राकेश अस्थाना की अंतरिम राहत 28 नवंबर तक बढ़ाई