सुप्रीम कोर्ट में फिर गूंजा सबरीमाला मंदिर का मुद्दा, जानिए क्या है पूरा मामला ?

नई दिल्ली: त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (Travancore Devaswom Board) के प्रमुख एन. वासु (N Vasu) ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर की शीर्ष संस्था इस बात की जांच करेगी कि क्या सर्वोच्च न्यायलय में दायर सबरीमला मामले से जुड़े किसी डॉक्यूमेंट में फर्जी मैन्युस्क्रिप्ट का जिक्र है या नहीं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि महिलाओं की एंट्री के मुद्दे पर सबरीमला की परंपराओं के संबंध में विवादास्पद ‘चेम्बोला’ (एक मैन्युस्क्रिप्ट) को सबूत के रूप में सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था और ऐसा कोई आधिकारिक रिकॉर्ड भी नहीं है, जो इसकी पुष्टि करता हो. 

उन्होंने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि, ‘त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के पास ऐसे कोई डॉक्यूमेंट नहीं है. मैंने यह जांच करने के निर्देश दिए हैं कि क्या कोर्ट में दायर किए गए किसी दस्तावेज में चेम्बोला का उल्लेख है या नहीं. वासु ने सीएम पिनाराई विजयन द्वारा विपक्ष के उस आरोप का खंडन करने के कुछ दिनों बाद यह बयान दिया, जिसमें कहा गया था कि विजयन सरकार ने सबरीमला में महिलाओं की एंट्री के मुद्दे के दौरान लोगों को ठगने के लिए मनगढ़ंत मैन्युस्क्रिप्ट का उपयोग किया था.

कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष ने मंगलवार को इल्जाम लगाया था कि डीलर मोनसन मावुंकल, जिसे हाल ही में अरेस्ट किया गया था, ने मनगढ़ंत मैन्युस्क्रिप्ट का उपयोग करके सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर में अनुष्ठान के संबंध में लोगों को ठगने का प्रयास किया और इसमें मार्क्सवादी पार्टी सरकार की भी अहम भूमिका थी. विजयन ने कहा था कि, 'यह आरोप कि सरकार ने सबरीमाला में अनुष्ठानों के बारे में चेम्बोला मैन्युस्क्रिप्ट गढ़कर लोगों को धोखा देने का प्रयास किया था, बिलकुल निराधार है. क्योंकि ऐसे सभी मामले क्राइम ब्रांच की जांच के दायरे में आ रहे हैं, इसलिए अभी और कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है.

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