छात्रों की बसों के बिल पर मच सियासी घमासान, अब सचिन पायलट ने दी सफाई

जयपुर: कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश के मजदूरों को भेजने को लेकर बसें चलाने के प्रस्ताव को लेकर मचा सियासी घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले राजस्थान सीमा से इजाजत नहीं मिलने के बाद बसों को वापस बुलाये जाने और अब राजस्थान सरकार द्वारा 36 लाख रूपये से ज्यादा का बिल कोटा से बच्चों को भेजने के लिए यूपी की योगी सरकार को भेजे जाने को लेकर बवाल मच गया है।

अब इस मामले पर राजस्थान सरकार की ओर से सफाई दी गयी है कि सरकारी बसों को कभी कांग्रेस पार्टी ने यूपी नहीं भेजा था, खुद उत्तर प्रदेश ने ही राजस्थान रोडवेज़ की बसों में डीज़ल भरवाने के बदले में भी 36 लाख रूपये को लेकर पत्र व्यवहार किया था। दरअसल, कांग्रेस पार्टी के युवा नेता और राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इस पर सफाई देकर हकीकत समझाने की कोशिश की हैं। मामले पर मचे बवाल पर लॉकडाउन के बीच पहली बार प्रेस वार्ता करने को मजबूर हुए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के निर्देश पर निजी  बसों को ही किराए पर लेकर भेजा था।

उन्होंने कहा कि चूंकि योगी सरकार के आरोप कांग्रेस पार्टी को लेकर थे तो राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते सचिन पायलट ने साफ़ किया कि सरकारी बसों को भेजने का योगी सरकार का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। क्योंकि कांग्रेस नेताओं ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार द्वारा आरंभ की गई लोक परिवहन सेवा की निजी बसों को किराए पर लेकर उत्तरप्रदेश की सरहद पर खड़ी कर दी थी। उन्होंने यूपी सरकार से आग्रह किया है कि यदि मुश्किल समय में कोई भी किसी भी तरह की मदद के लिए आगे आता है तो सरकार को इस पर सियासत की बजाय स्वीकार कर लोगों को राहत देने के लिए आगे आना चाहिए।

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