क्रिकेट में और खास कर ODI और टी-20 में गेंदबाजों की बुरी गत को लेकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने चिंता जताई है और इसका कारण एक दिवसीय मुकाबलों में दो नई गेंदों के इस्तेमाल को बताया है. दो नई गेंदों के इस्तेमाल पर सचिन ने आईसीसी के अक्टूबर 2011 में वनडे में दो नई गेंदों का प्रयोग किये जाने के नियम की आलोचना करते हुए ट्विटर पर लिखा, वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल नाकामी को न्यौता देने जैसा है. गेंद को उतना समय ही नहीं मिलता कि रिवर्स स्विंग मिल सके. हमने डेथ ओवरों में लंबे समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी. अभी हाल ही में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में छह विकेट पर 481 रन बनाए. अगले वनडे में 312 रन का लक्ष्य 45 ओवरों में हासिल कर लिया. और वैसे भी देखा जाये तो 300 प्लस का स्कोर अब आम हो चला है और देखा गया है की सिमित ओवर में गेंदबाज के लिए ज्यादा कुछ रह नहीं गया है जिसे लेकर ICC भी चिन्तित है. रिवर्स स्विंग के बादशाह पाकिस्तान के वकार यूनुस ने तेंदुलकर का समर्थन करते हुए कहा,यही वजह है कि अब आक्रामक तेज गेंदबाज नहीं निकलते. सभी रक्षात्मक होते जा रहे है. . सचिन से पूरी तरह सहमत हूं. रिवर्स स्विंग लुप्त ही हो गई है. Father's Day : सचिन, भज्जी और धवन ने इस रूप में किया अपने पिता को याद बॉल टेम्परिंग में स्मिथ मुझे भी करना चाहते थे शामिल.. तेंदुलकर का भारतीय टीम में चयन, सचिन ने बताया मील का पत्थर