क्रिकेट के भगवान कहे जाने जाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने 2003 विश्व कप फाइनल में मिली हार को लेकर बड़ा बयान दिया है. सचिन तेंदुलकर ने उस मैच को लेकर कहा कि टी20 क्रिकेट के आने से वनडे में बड़े स्कोर का पीछा करने के बल्लेबाजों के रवैये में बदलाव आया है. अगर यह 2003 विश्व कप के दौरान होता तो भारत को उस लक्ष्य का पीछा करने में मदद मिलती. गौरतलब है कि 2003 विश्व कप फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला हुआ था. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दो विकेट पर 359 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारतीय टीम 234 रन पर आउट हो गई थी और ऑस्ट्रेलिया ने मैच 125 रनों से जीत लिया था. सचिन ने कहा कि, अगर वह मैच आज होता तो खिलाड़ी अलग तरीके से खेलते. हम उस मैच में उत्साह से भरे थे और पहले ही ओवर से ही काफी उत्साहित थे. यदि उन्हीं खिलाड़ियों को आज मौका मिलता तो खेल के प्रति उनका रवैया दूसरा होता. उस समय 359 रन बनाना बहुत मुश्किल था, लेकिन आज आसान लगता है. हम भी कई मौकों पर 325-340 रन का स्कोर बना चुके हैं. बता दे कि सचिन तेंदुलकर अपने बायोपिक ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स ’ के मीडिया प्रीमियर के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे. मराठी शो में फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचे सचिन, पत्नी भी थी साथ एयरफोर्स के जवानों ने भी जोशीले शब्दों में कहा, सचिन-सचिन... सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स' की पहली स्क्रीनिंग भाई जैसा कोई दोस्त नहीं: सचिन तेंदुलकर