उज्जैन : किसान आन्दोलन के तहत हो रही हिंसा को लेकर साधु-सन्त भी व्यथित हैं। उन्होंने किसानों से शान्ति के साथ वार्ता कर अपनी समस्याओं का हल निकालने की अपील की है। महामण्डलेश्वर एवं चारधाम मन्दिर के स्वामी शान्तिस्वरूपानन्दजी ने कहा कि किसान अपनी समस्या को शान्तिपूर्वक प्रशासन के सामने रखे। पूर्व में भी शासन द्वारा किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया गया है, इस बार भी हल निकलेगा। किसी भी तरह की हिंसा धर्म में वर्जित है। हिंसा से स्वयं को और अन्य व्यक्ति दोनों को नुकसान होता है, अत: जिले में शान्ति एवं सौहार्द्र बनाये रखा जाये महन्त श्री अवधेशदासजी महाराज ने कहा है कि किसान आन्दोलन में हिंसा, खाद्य सामग्री को नष्ट करना जैसे कार्य न करे। दूध एवं सब्जी आदि गरीबों में बांटकर भी आन्दोलन किया जा सकता है। उन्होंने हिंसात्मक प्रवृत्ति से दूर रहकर शान्ति से अपनी मांग शासन के सम्मुख रखने की आवश्यकता पर बल दिया। महन्त श्री अवधेशदासजी ने किसानों से उग्रता एवं हिंसा का मार्ग छोड़ने की अपील की है। महन्त श्री रामेश्वरदासजी ने कहा है कि किसान आन्दोलन को असामाजिक तत्वों से दूर रहना चाहिये और शान्ति से अपनी बात रखना चाहिये। हिंसा का मार्ग किसी के लिये भी उचित नहीं है। श्री श्यामदासजी महाराज ने भी इसी तरह की अपील करते हुए किसानों से हिंसा न करने की अपील की है। इसी तरह श्यामदासजी महाराज ने भी किसी दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाये बगैर किसानों को अपनी बात रखने का आग्रह किया है। बग्घियों में विराजित होकर निकले संत