नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को बहस के दौरान कथित तौर पर महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहकर बचाव करने के विवाद पर प्रज्ञा ठाकुर ने स्पष्टीकरण दिया है। भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद ने कहा है कि उन्होंने गोडसे नहीं, उधम सिंह का उल्लेख आने पर ए। राजा को टोका था। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि सदन में चर्चा के दौरान ए। राजा ऐसा बताने का प्रयास कर रहे थे, जैसे सभी देशभक्त देश के दुश्मन और आतंकवादी हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मसले पर चर्चा हो रही थी और ए। राजा देशभक्त उधम सिंह के संबंध में बात कर रहे थे। साध्वी ने कहा कि उधम सिंह ने जालियावाला बाग हत्याकांड के बाद जनरल डायर के क़त्ल से पूर्व 20 सालों तक उसके प्रति रंजिश पाल रखी थी। जब राजा ने बोलना जारी रखा तो मैंने उन्हें टोका और कहा कि देशभक्तों का नाम मत लीजिए। प्रज्ञा ने दावा करते हुए कहा है कि उनका बयान गोडसे के लिए नहीं था। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि यह नाथूराम गोडसे के लिए नहीं था। मैंने उन्हें उस समय टोका जब उन्होंने उधम सिंह का नाम लिया। उसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मुझे बैठने को कहा और मैं बैठ गई। हालांकि, ए। राजा ने अपना भाषण जारी रखा और उसी अंदाज में नाथूराम गोडसे के संबंध में भी कहा। तब मैंने उन्हें नहीं टोका था। वहीं साध्वी के इस बयान पर भाजपा ने कार्रवाई करते हुए उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से निकाल दिया है.। क्या फिर से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनेंगे अजित पवार ? राहुल गाँधी बोले- साध्वी प्रज्ञा का बयान भाजपा और आरएसएस के दिल की बात जानिए किस तरह अजित पवार को परिवार ने इस्तीफा देने पर किया बाध्य