सेज ग्रुप के मालिक की पत्नी को हुई 3 साल की सजा, जानिए क्यों?

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें मध्यप्रदेश के प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी और सेज ग्रुप के मालिक संजीव अग्रवाल की पत्नी किरण अग्रवाल को विशेष अदालत ने 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला जमीन की नीलामी और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। विशेष अदालत द्वारा यह फैसला सुनाया गया है कि किरण अग्रवाल और एक अन्य आरोपी ने मिलकर बैंक अधिकारियों के साथ साजिश की और एक किसान की संपत्ति को सस्ते दामों पर नीलाम कर दिया।

प्रकरण की शुरुआत 1995 में हुई थी, जब ग्राम बकानिया के निवासी अशोक शर्मा ने अपने मोटर और पंप के लिए सहकारी बैंक से 29 हजार रुपये का कर्ज लिया था। कर्ज की वापसी में समस्या उत्पन्न होने के बाद, बैंक ने 2007 तक कर्ज की वसूली के लिए उसकी 4.92 एकड़ कृषि भूमि को नीलाम कर दिया। आरोप है कि बैंक फसरों ने इस नीलामी में गंभीर अनियमितताएँ कीं तथा नियमों की उल्लंघना की।

रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक अधिकारियों ने फर्जी नोटशीट तैयार की तथा उसे संयुक्त पंजीयक को भेजा, जिससे बिना किसी जांच के नीलामी को मंजूरी मिल सके। इस प्रक्रिया के चलते नीलामी के लिए मूल्यांकन की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, और यह भूमि बहुत सस्ते दामों पर बेची गई। वही यह मामला तब सामने आया जब किसी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की। लोकायुक्त ने मामले की गहन तहकीकात शुरू की, तथा पाया कि नीलामी में गड़बड़ियाँ हुई थीं। तहकीकात में यह भी सामने आया कि बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और भूमि को गलत तरीके से नीलाम किया। इसके बाद लोकायुक्त ने मामले को अदालत में भेजा।

लंबे समय तक चली जांच और सुनवाई के पश्चात्, विशेष अदालत ने आखिरकार किरण अग्रवाल को दोषी करार दिया और तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने यह भी कहा कि यह मामला धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं का है, जिसमें कई लोग सम्मिलित थे। इस फैसले से यह संदेश गया है कि इस तरह के मामलों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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