काठमांडू: चीन के बहकावे में आकर भारत के साथ सदियों पुराने रोटी-बेटी के रिश्ते को तोड़ने की कोशिश कर रहे नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली पद गंवाने के डर से राजनितिक मोर्चेबंदी में जुट गए हैं. सियासी गलियारों में घिरे ओली के खिलाफ अब जनता का आक्रोश भी सड़कों पर दिखाई देने लगा है. वहीं, अब नेपाल के संत समाज ने भी अपने पीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ओली की तरफ से पिछले दिनों भगवान राम और अयोध्या पर दिए गए बयान से आक्रोशित संत 18 जुलाई को सड़कों पर उतर आए. संतों ने जनकपुर में पीएम ओली के बयान का विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में मौजद रहे साधु-संत, धार्मिक संगठन और आम नागरिकों की मांग थी कि पीएम ओली अपना बयान वापस लें. प्रदर्शनकारी संत और नागरिकों ने जनकपुर और अयोध्या का रिश्ता कायम रखने के नारे लगाए. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों की तरफ से पीएम ओली को यह भी संदेश दिया गया कि वे हिंदुओं की आस्था पर चोट ना करें. आपको बता दें कि पिछले दिनों नेपाली के आदिकवि भानुभक्त की जयंती पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ओली ने भगवान राम को नेपाली नागरिक बता दिया था, जिस पर ये पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ है. अफगान में सुरक्षा ही बनी 3 लोगों के मौत का कारण तापसी पन्नू ने लिखा अमृता सिंह के लिए प्यारा सा पोस्ट कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि ये वायरस भी ला सकता है बड़ी महामारी