भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में सबसे लंबी अवधि तक चले अयोध्या के राम जन्मभूमि के मुकदमे का निर्णय आने के बाद अब लोगों की निगाह राम मंदिर के निर्माण की ओर लगी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को निर्णय में अयोध्या में ट्रस्ट के माध्यम से राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था. नहीं थम रही कोरोना की मार, चीन में मरने वालों की संख्या 492 के पार सरकार को तीन महीने में देश की शीर्ष अदालत ने राम मंदिर के लिए ट्रस्ट गठन का आदेश दिया था. नौ नवंबर की अवधि पूरी होने में अब सिर्फ पांच दिन बचे हैं. इसके बाद भी केंद्र सरकार ने अभी तक राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा नहीं की है. अयोध्या में यही ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण के तौर तरीके तय करेगा. रामनगरी अयोध्या में संतों में ट्रस्ट के निर्माण को लेकर बेहद बेचैनी है. सभी को इसके गठन का इंतजार है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया सुरक्षा को लेकर देश स्वप्न, कहा-दुनियाभर में तेजी से बदल रही... आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राम मंदिर के पक्ष में नौ नवंबर 2019 को आए फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में मंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट गठन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार को सौंपी थी. राम मंदिर को लेकर कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ का प्लॉट दे.सर्वोच्च अदालत ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन के लिए तीन माह का समय भी दिया था. नौ फरवरी को इस अवधि का अंतिम दिन होगा. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इसी हफ्ते में राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा कर सकती है. दिल्ली विधानसभा चुनाव : भाजपा के पक्ष में मतदान कराने उतरा हरियाणा का दिग्गज नेता बंगाल : सरस्वती पूजा पर रोक को लेकर सदन में गरजी भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी भाजपा की घटिया बयानबाजी पर भड़के अखिलेश यादव, कहा-चुनाव आयोग को दंडात्मक कार्रवाई...