भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा साधु बाबाओं को मंत्री पद देने के फैसले की चारों ओर आलोचना हो रही है, विपक्ष तो इस मुद्दे पर चौहान को घेर ही रहा है. किन्तु अब शिवराज के इस फैसले पर साधु-संतों ने भी मोर्चा खोल दिया है. साधु संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने और नर्मदा नदी में हो रहे प्रदूषण को लेकर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से सैकड़ों साधू राजधानी भोपाल में इकट्ठा हुए हैं. इन साधू संतों ने मांग रखी है कि सरकार ने जिन संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, उसके लिए वो माफी मांगें और नर्मदा को बचाने के लिए जो संकल्प लिया है सरकार उसे पूरा करें. बाबाओं का कहना है कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है, सरकार ने नर्मदा को बचाने और उसे स्वच्छ करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के वे वादे निराधार साबित हुए हैं. बाबाओं ने नर्मदा नदी की स्वच्छता को लेकर शिवराज सरकार को जमकर लताड़ा. वहीं प्रदेश की पुलिस साधू संतों का उग्र रूप देखकर उन्हें समझाने का प्रयत्न कर रही है, लेकिन बाबा मानने का नाम नहीं ले रहे हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बाबाओं को मंत्री का दर्जा दिए जाने के बाद प्रदेश के अन्य साधु संत शिवराज सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने कई बार सरकार को आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. इससे पहले अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर साधु-संतों ने कलेक्टरों को ज्ञापन दिया था. एमपी में लगेंगी मोदी -शिवराज की टाइल्स भोपाल में होगा पहला स्मार्ट सिटी सीईओ सम्मेलन ओपिनियन पोल: मध्य प्रदेश में फिर भाजपा फिर शिवराज