बॉलीवुड के मशहूर फिल्ममेकर साजिद नाडियाडवाला का आज जन्मदिन है। साजिद ने अपने करियर में कई हिट फ़िल्में दीं हैं इस सूची में जुड़वा, हे बेबी, हर दिल जो प्यार करेगा, हाउसफुल, हाईवे, अनजाना-अनजानी, किक शामिल हैं। साजिद बॉलीवुड निर्माता फिरोज नाडियावाला के कजिन हैं। साजिद के करियर के बारे में बात करें तो उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत साल 1992 में रिलीज हुई फिल्म 'जुल्म की हुकूमत' से की थी। वैसे साजिद का करियर बेहतरीन रहा लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा उनका निजी जीवन। बॉलीवुड में उस समय की सबसे खूबसूरत अदाकारा रहीं दिव्या भारती से साजिद ने शादी की थी। साजिद और दिव्या भारती की शादी साल 1992 में हुई थी। दोनों चुपके से शादी के बंधन में बंधे थे। कब हुई थी दोनों की मुलाक़ात- दोनों पहली बार शोला और शबनम फिल्म की शूटिंग के दौरान मिले थे। जी दरअसल इस फिल्म में दिव्या संग गोविंदा नजर आए थे। वहीं उस दौरान गोविंदा ने ही साजिद से दिव्या की मुलाक़ात करवाई थी। उस मुलाकात के बाद साजिद दिव्या के दीवाने हो गए। देखते ही देखते वह हर दिन सेट पर आने लगे। दिव्या और साजिद के बीच मुलाकतें बढ़ी, दोनों दोस्त बने। फिर दोनों के बीच की दोस्ती का सिलसिला प्यार में बदल गया। प्यार में पड़ने के बाद दोनों ने शादी का मन बनाया लेकिन उसके लिए भी उन्हें खूब जतन करने पड़े। बदलना पड़ा धर्म - साजिद और दिव्या की शादी इतनी आसान नहीं थी। जी दरअसल साजिद मुस्लिम धर्म के थे और दिव्या हिन्दू धर्म की। शादी में अड़चने आईं लेकिन दोनों एक-दूजे के प्यार में इस कदर खो चुके थे कि दोनों ने धर्म का कोई लिहाज नहीं किया। दोनों किसी भी तरह शादी करना चाहते थे और इसी वजह से दिव्या ने इस्लाम कबूल कर लिया। केवल यही नहीं बल्कि दिव्या भारती ने अपना नाम तक बदल लिया। वह दिव्या से सना हो गईं। शादी के 11 महीने बाद दिव्या को मिली मौत- साजिद से शादी करने के बाद दिव्या ने बहुत कम फिल्मों में काम किया। शादी करने के बाद केवल 11 महीने तक ही दिव्या अपने पति साजिद के साथ रह पाईं और फिर उनकी मौत हो गई। दिव्या की मौत उनके ही अपार्टमेंट से गिरने के कारण हुई थी। आज तक उनकी मौत को लेकर रहस्य कायम है। आज तक नहीं पता चल पाया है कि आखिर कैसे हुई थी दिव्या की मौत। काफी समय तक पुलिस ने इस मामले में जांच की लेकिन कोई रहस्य नहीं खुल पाया। अंत में मामला बंद कर दिया गया। मौत के रहस्य पर लगते हैं कयास- दिव्या की मौत को लेकर अब तक कई अफवाहें आईं हैं। कोई कहता है दिव्या उस समय की सबसे हिट अदाकारा थीं इस वजह से सब उनसे जलते थे। इसी के चलते किसी ने उन्हें धक्का दे दिया और उनकी मौत हो गई। कोई कहता है दिव्या उस दिन पार्टी कर रहीं थीं और शराब के नशे में वह नीचे गिर गईं। कोई कहता है दिव्या को उनके कर्मों का फल मिला। उन्होंने हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूला था इसी के कारण उन्हें इसका फल मिला। केवल इतना ही नहीं बल्कि कई लोगों का कहना यह भी है कि दिव्या अपनी शादी के 11 महीने बाद ही इसलिए मर गईं क्योंकि उन्हें उनके पति ने मौत दी। पति का कहीं बाहर अफेयर चल रहा था इसी वजह से उन्होंने दिव्या को मार डाला। कई रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा जाता है कि साजिद के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते होने की बात से दिव्या परेशान रहती थीं। उनकी मां के साथ भी दिव्या की अनबन रहती थी। सभी रिश्तों से हारने के बाद दिव्या ने मौत का रास्ता चुना। मौत के दिन खुश थीं दिव्या- जिस दिन दिव्या की मौत हुई उस दिन दिव्या ने मुंबई में ही अपने लिए एक नया 4 बीएचके का घर खरीदा था। उन्होंने नए घर की डील फाइनल की थी। इस बारे में दिव्या ने केवल अपने भाई कुणाल को बताया था। मौत वाले दिन दिव्या के पैर में भी चोट लगी थी। दिव्या की मौत रात के करीब 10 बजे हुई। उस दौरान दिव्या मुंबई के पश्चिम अंधेरी, वरसोवा में स्थित तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें माले पर अपने घर में थी। उनके घर उनकी दोस्त और डिजाइनर नीता लुल्ला अपने पति के साथ उनसे मिलने आई थीं। तीनो लिविंग रूम में बैठे थे औऱ शराब पी रहे थे। इस बीच दिव्या की नौकरानी अमृता भी थी। उसी रात 11 बजे अमृता किचन में कुछ काम करने गईं, और नीता अपने पति के साथ टीवी देखने लगी। तभी दिव्या कमरे की खिड़की की तरफ गईं और वहीं से वह जोर -जोर से आवाज में अपनी नौकरानी से बातें कर रही थीं। दिव्या के लिविंग रूम में जो खिड़की थी उसमे ग्रिल नहीं थी। उसी खिड़की के नीचे पार्किंग थी लेकिन उस दिन वहां कोई गाड़ी नहीं खड़ी थी। खिड़की पर खड़ी दिव्या ने जैसे ही मुड़ने की कोशिश की वैसे ही उनका पैर फिसल गया। उसके बाद दिव्या नीचे जा गिरीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह बच न सकी। दिव्या की मौत को 1 साल भी नहीं हुआ और साजिद को नया प्यार मिल गया- जी हाँ, दिव्या की मौत 5 अप्रैल 1993 को हुई थी और साजिद से दिव्या की पहली पुण्यतिथि पर मिली थीं वर्धा खान। वर्धा खान उस दौरान जब साजिद से मिलीं तो उन्होंने यह समझ लिया था कि साजिद उन्ही के लिए बने हैं। जब वर्धा खान पहली बार साजिद से मिली तो उनकी उम्र 16 साल थी और उसी दौरान वह साजिद की दीवानी हो गईं। साजिद ने नहीं बल्कि वर्धा खान ने उन्हें खुद से शादी करने के लिए राजी किया था। इस बारे में खुद वर्धा खान बता चुकीं हैं। वैसे आज वर्धा खान और साजिद के दो बेटे हैं और दोनों अपनी निजी जिंदगी में बहुत खुश हैं। मस्जिद में दी जा रही थी बम बनाने की ट्रेनिंग, हुआ जोरदार धमाका और लग गया लाशों का ढेर बसंत पंचमी से शूरवीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान का है बहुत खास नाता, कर देगी आपको हैरान अंडमान-निकोबार में दूसरे दिन नहीं मिला कोरोना का मरीज़