आज सभी को बता दें कि कल यानी 24 जनवरी को सकट चौथ है. ऐसे में वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ अथवा तिलकुटा चौथ भी इसी को कहा जाता है और सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह कर गणेश जी को नदी में 21 बार, तो घर में एक बार जल देना चाहिए. आप सभी को बता दें कि सकट चौथ संतान की लंबी आयु हेतु किया जाता है और चतुर्थी के दिन मूली नहीं खानी चाहिए, धन-हानि की आशंका होने लगती है. वहीं इस दिन देर शाम चंद्रोदय के समय व्रती को तिल, गुड़ आदि का अर्घ्य चंद्रमा, गणेश जी और चतुर्थी माता को अर्पित करना चाहिए और अर्घ्य देकर ही इस व्रत को खोलना चाहिए. आप सभी जानते ही होंगे कि इस दिन स्त्रियां निर्जल व्रत करती हैं और सूर्यास्त से पहले गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा-पूजा होती है. इसी के साथ इस दिन तिल का प्रसाद खाना चाहिए। दूर्वा, शमी, बेलपत्र और गुड़ में बने तिल के लड्डू चढ़ाने चाहिए. आइए जानते हैं गणेश जी की आरती जो करके आप भगवान को खुश कर सकते हैं. आरती - जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा माता जाकी पारवती, पिता महादेवा… एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी, माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा, जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा माता जाकी पारवती, पिता महादेवा… अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया, बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा, जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा… जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा… माता जाकी पारवती, पिता महादेवा… 24 जनवरी को है सकट चौथ, जानिए व्रत कथा विनायक चतुर्थी : आज जरूर जपें गणेश जी के यह 12 नाम आज भगवान गणेश को चढ़ा दें इस पेड़ का पत्ता, चमक जाएगी आपकी किस्मत