'रामचरितमानस' जलाने का विरोध करने की सजा ! 2 महिला नेताओं को अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में गुरुवार (16 फ़रवरी) को एक बड़ा सियाड़ी घटनाक्रम देखने को मिला। ये घटनाक्रम बीते दिनों राज्य में श्रीरामचरितमानस को लेकर उपजे विवाद से जुड़ा हुआ है। दरअसल, समाजवादी पार्टी (सपा) ने दो महिला नेताओं, रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन दोनों नेत्रियों ने श्री रामचरितमानस पर पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की अनर्गल टिप्पणियों पर आपत्ति जाहिर की थी और ग्रन्थ को जलाए जाने का विरोध किया था। यहाँ गौर करने वाली बात ये भी है कि, श्रीरामचरितमानस को लेकर निरंतर आपत्तिजनक बयानबाज़ी कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का समर्थन मिला है, वहीं, ग्रन्थ जलाने का विरोध करने वालों को पार्टी से बाहर कर दिया गया है।   

सपा ने गुरुवार (16 फरवरी) को एक ट्वीट करते हुए रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी से निकाले जाने की जानकारी दी। निष्कासन के बाद दोनों महिला नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सपा को महिला विरोधी और धर्म विरोधी करार देते हुए रामद्रोहियों के खिलाफ आवाज उठाते रहने की घोषणा की है। बता दें कि, रोली तिवारी मिश्रा ने स्वामी प्रसाद के बिगड़े बोल और रामचरितमानस को जलाने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही इस मामले में सपा द्वारा कोई एक्शन न लेने पर भी सवाल खड़े किए थे।

इन नेत्रियों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान वाले वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था कि, 'स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएँगे। 2012 में रोटी कपड़ा सस्ती हो दवा पढ़ाई मुफ्त हो, इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। क्या ‘मानस का मुद्दा’ लेकर सपा पुनः सरकार बना पाएगी?' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि, 'श्रीरामचरितमानस के सम्मान स्वाभिमान की लड़ाई धर्मद्रोहियों से लड़ती रहूँगी। मैं छल, कपट, धूर्त्तता, धोखेबाजी, कूटयोजना से मेरा अपमान करने वालों को खुली चुनौती देती हूँ। मर्द हो तो सामने से लड़ो।'

वहीं, ऋचा सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया था कि, 'छद्म समाजवादी स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी की नींव डॉ. राम मनोहर लोहिया से बड़े हो गए हैं? डॉ. लोहिया ने 1961 में रामायण मेले की परिकल्पना की थी। स्वामी प्रसाद रामचरित मानस का निरंतर अपमान कर रहे हैं। क्या समाजवादी पार्टी अब राम मनोहर लोहिया के बदले स्वामी प्रसाद मौर्य के सिद्धान्तों पर चलेगी??' अब पार्टी से निष्काषित किए जाने के बाद ऋचा सिंह ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर समाजवादी पार्टी को महिला विरोधी और धर्म विरोधी करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'महिलाओं का अपमान करने वाले लंपटों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जी डीजीपी ऑफिस पहुँच जाते हैं और महिलाओं के-जन अधिकारों के लिये संघर्ष करने वाली महिलाओं को बिना कारण बताए निष्कासित कर दिया जाता है। समाजवादी पार्टी का महिला विरोधी चेहरा।' एक अन्य ट्वीट में रोली तिवारी ने लिखा कि, 'संविधान के भाग 3, फंडामेंटल राइट पृष्ठ की शुरुआत भगवान राम लक्ष्मण और भगवती सीता के चित्र से होती है। राम भारत की आत्मा हैं। यहाँ तक कि अल्लामा इक़बाल ने उनको इमामे हिंद माना है। ऐसे में भारत की आध्यात्मिक एवं संवैधानिक आत्मा के साथ मैं खड़ी थी और खड़ी रहूँगी।'

 

वहीं, पार्टी से निष्काषित किए जाने पर रोली तिवारी मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि, '16 वर्षों की निष्ठा के इस पुरस्कार के लिए आभार आदरणीय अखिलेश यादव जी। राष्ट्रद्रोहियों, सनातन धर्मद्रोहियों, रामद्रोहियों के खिलाफ आवाज उठाती थी, उठाती रहूँगी। सनातन धर्म के स्वाभिमान प्रभु श्रीराम, श्रीरामचरितमानस के सम्मान के लिए ऐसे हजारों निष्कासन स्वीकार। धर्मो रक्षति रक्षितः।' वहीं, सोशल मीडिया पर भी यूज़र्स इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उनका कहना है कि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या का तो सम्मान कर रहे हैं और धर्मग्रन्थ को जलाने का विरोध करने वालों को पार्टी से निकाल रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों ने दिवंगत मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा है कि, पिता ने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं, अब बेटा रामचरितमानस जलवा रहा है।  

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