लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सपा और बसपा के बीच शनिवार को प्रकाश में आया सीट शेयरिंग का फॉर्मूला पहले ही निर्धारित हो गया था. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि पहले नहीं की गई थी, वहीं अब भी दोनों पार्टियां इसका ऐलान करने से बच रही हैं. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को दिल्‍ली में मायावती और अखिलेश यादव की बैठक में उत्‍तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर सीट बंटवारे का नया फॉर्मूला तैयार हो गया है. सूत्रों के मुताबिक सपा और बसपा राज्य की 37-37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. जबकि अन्‍य सीटों को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और अन्य छोटी पार्टियों के लिए छोड़ दिया जाएगा. वीडियो: सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि फिटनेस में भी आगे है पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सीट बंटवारे के साथ ही दोनों पार्टियां इस बात पर भी सहमत हुई हैं कि कांग्रेस को इस गठबंधन से अलग रखा जाएगा. लेकिन दोनों दल कांग्रेस को दो लोकसभा सीटों पर राहत देने को राजी हो गई हैं. यानी कि कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली दो सीटें अमेठी और रायबरेली में सपा-बसपा अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. वहीं सपा-बसपा ने रालोद को लगभग 2 सीटें देने का निर्णय लिया है. अरब लीग के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा भारत आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में पांच राज्‍यों विधानसभा चुनाव के दौरान भी सूत्रों के अनुसार ऐसी ही खबरें आई थीं. इन चुनावों के परिणाम आने से पहले ही लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश में गठबंधन की तस्वीर स्पष्ट हो चुकी थी. उस समय भी यही कहा जा रहा था कि सपा और बसपा के बीच सबकुछ निर्धारित हो चुका है. सीटों को लेकर बात पक्की हो चुकी है. रिपोर्ट की मानें तो सपा-बसपा ने उस दौरान ही अपने गठबंधन से कांग्रेस को अलग कर दिया था. खबरें और भी:- सपा नेता का गंभीर आरोप, कहा मुस्लिम मरीजों के साथ ये सलूक करते हैं सरकारी डॉक्टर महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी हुई गठबंधन पर चर्चा कांग्रेस की स्कीम को कुमारस्वामी ने बताया फर्जी, कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में कही बड़ी बात